अंबानी के घर के पास विस्फोटक रखने का सूत्रधार कौन? एनआईए ने कई अधिकारियों से की पूछताछ
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 15, 2021 09:38 AM2021-03-15T09:38:58+5:302021-03-15T09:43:58+5:30
एनआईए की एक विशेष अदालत ने मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाझे को 25 मार्च तक यानी 11 दिन की एनआईए की हिरासत में भेज दिया. वाझे को 13 घंटे की पूछताछ के बाद कल देर रात एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया था.
मुंबई: उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास कार में विस्फोटक बरामद होने की जांच कर रही एनआईए ने आज मुंबई क्राइम ब्रांच की अपराध खुफिया शाखा (सीआईयू) के कई अधिकारियों से पूछताछ की.
एनआईए पता लगाना चाहती है कि पूरे कांड का सूत्रधार कौन है. इस बीच, विशेष अदालत ने आज एपीआई सचिन वाझे को 25 मार्च तक यानी 11 दिन की एनआईए की हिरासत में भेज दिया. वाझे को 13 घंटे की पूछताछ के बाद कल देर रात एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया था.
एनआईए ने वाझे के नेतृत्व में काम करनेवाले दो अधिकारियों सीआईयू के एपीआई रियाजुद्दीन काजी और एक पीएसआई के अलावा दो ड्राइवरों से साढ़े 9 घंटे तक पूछताछ की. उन्हें साढ़े 12 बजे पूछताछ के लिए बुलाया गया था. सूत्रों का कहना है कि पूरे कांड में वाझे के साथ कुछ और सहकर्मी भी शामिल होने का अंदाजा है. एक एसीपी समेत कुछ और अधिकारियों से भी जल्द ही पूछताछ होने की संभावना है.
विक्रोली थाने के अफसरों से भी पूछताछ हो सकती है. उनसे पूछा जाएगा कि 18 फरवरी को किन दस्तावेज के आधार पर और किन पुलिस अधिकारियों के कहने पर स्कॉर्पियो चोरी जाने का अपराध दर्ज किया गया. रियाज काजी पिछले तीन साल से सीआईयू में कार्यरत हैं. सीआईयू में ही वाझे भी कार्यरत हैं. जनवरी में टीआरपी घोटाले में बेहतरीन काम करने के लिए मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने एसीपी शशिकांत सांडभोर, एपीआई सचिन वाझे, नितिन लोंढे, संतोष कोटवान और रियाज काजी को प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया था.
सचिन वाझे पर जानें कौन सी धाराएं लगाई गई हैं-
सचिन वाझे पर लगाई गईं धाराएं धारा 286 : जानबूझकर या अनजाने में विस्फोटक रखना, दूसरों की जान खतरे में डालना धारा 465 : फर्जीवाड़ा अथवा जालसाजी करना धारा 473 : गुमराह करने के लिए फर्जीवाड़ा धारा 506 (2) : भय फैलाा अथवा धमकी देना धारा 120 (बी) : आपराधिक साजिश में भागीदारी विस्फोटक पदार्थ कानून 1908 की धारा 4 (अ, ब) : विस्फोटक रखना हिरेन की मौत में भी वाझे का हाथ? -सरकारी वकील ने दावा किया कि स्कॉर्पियो में जिलेटिन की छड़ें रखने से लेकर उसकी जांच का दिखावा करने एवं स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन की मौत तक की घटनाओं में वाझे का हाथ है.
शरद पवार ने आज सचिन वाझे की गिरफ्तारी के संबंध में कोई टिप्पणी करने से इनकार किया-
हालांकि, वाझे के कबूलनामे के सरकारी वकील के दावे का बचाव पक्ष के वकील ने खंडन किया और सभी आरोप खारिज कर दिए. निलंबन तय : कोई भी सरकारी अधिकारी, कर्मचारी को 48 घंटे से अधिक समय तक पुलिस हिरासत में लिये जाने के बाद उसका निलंबन किया जाता है. वाझे का भी निलंबन तय है. अगले दो दिनों में पुलिस आयुक्त आदेश जारी करेंगे. पवार का टिप्पणी से इनकार राकांपा प्रमुख शरद पवार ने आज सचिन वाझे की गिरफ्तारी के संबंध में कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि यह मामला बहुत स्थानीय प्रकृति का है.