Rajya Sabha Election 2024: राजद ने बिहार से राज्यसभा चुनाव के लिए अपने दो उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए हैं। इसमें राज्यसभा सांसद मनोज झा के अलावा तेजस्वी यादव के खास माने जाने वाले संजय यादव को राजद इस बार राज्यसभा भेज रही है। राज्यसभा के लिए इन दोनों नेताओं के नाम पर मुहर लगाई गई है। लेकिन आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा अभी नहीं की गई है। बता दें कि मनोज झा का कार्यकाल समाप्त होने वाला है, इसलिए उन्हें दोबारा राज्यसभा भेजा जा रहा है। दोनों नेता 15 फरवरी को नामांकन दाखिल करेंगे। उल्लेखनीय है कि संजय यादव बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के दोस्त हैं और उनके पीए का तौर पर भी उनका काम देखते हैं। संजय यादव मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले हैं और लंबे समय से तेजस्वी यादव और राजद के साथ जुड़े रहे हैं।
संजय यादव सोशल मीडिया से जुड़ी गतिविधियों के साथ अन्य कार्यों में भी अपनी भूमिका निभाते हैं। संजय यादव तेजस्वी यादव के सलाहकार के तौर पर कार्य करते रहे हैं। सूत्रों की मानें तो संजय यादव तेजस्वी यादव के स्कूली दिनों के मित्र रहे हैं और उन्हें पहली बार किसी सदन का सदस्य बनाने के लिए पार्टी ने तैयारी की है। संजय यादव ने वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव की पूरी रणनीति बनाई थी।
हालांकि, तेजस्वी यादव के बड़े भाई तेजप्रताप यादव संजय यादव को देखना भी नही चाहते हैं। एक बार तो तेजप्रताप ने इन्हें घर से भी निकालने की मांग करते हुए मोर्चा खोल दिया था। यही नही संजय यादव पर दिल्ली में संपत्ति अर्जित करने वाला तक कह दिया था। वहीं, मनोज झा को राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव का बेहद करीबी माना जाता है।
पिछले 6 वर्षों के दौरान मनोज झा ने राज्यसभा में कई मौकों पर अपने वक्तव्यों से अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। उन्हें सर्वश्रेष्ठ सांसद का भी सम्मान मिल चुका है। वहीं संसद की कार्यवाही के दौरान मनोज झा अपने तर्कों से खास रूप में खुद को पेश करते आए हैं। पिछले वर्षों के दौरान उन्हें राजद नेता तेजस्वी यादव का प्रमुख सलाहकार भी माना गया है। कई मौकों पर वे लालू यादव और तेजस्वी यादव के साथ पार्टी से जुड़े प्रमुख फैसलों में अहम भूमिका निभाते नजर आए हैं। बता दें कि विधानसभा में राजद विधायकों की संख्या 79 थी।
हालांकि 11 फरवरी को नीतीश सरकार के विश्वास मत पेश करने के दौरान राजद के तीन विधायक नीलम देवी, चेतन आनंद और प्रहलाद यादव ने पार्टी को झटका दे दिया। वे सत्ता पक्ष के खेमे में चले गए। इससे राजद विधायकों की संख्या घटकर 76 रह गई। लेकिन राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए 37 विधायकों की जरूरत है। ऐसे में राजद के दोनों राज्यसभा उम्मीदवार आसानी से चुनाव जीत जाएंगे।