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जदयू में शामिल होंगे पूर्व आईएएस अधिकारी मनीष वर्मा, जानें कौन हैं

By एस पी सिन्हा | Updated: July 8, 2024 17:21 IST

Bihar News: जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले भी मनीष वर्मा का नाम काफी सुर्खियों में रहा था।

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ठळक मुद्देमुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के रहने वाले हैं।जदयू के लिए रणनीति तैयार करने का काम किया था।राज्य आपदा प्राधिकरण के सदस्य के साथ-साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सलाहकार भी हैं।

Bihar News: पूर्व आईएएस अधिकारी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के परामर्शी मनीष वर्मा मंगलवार को जदयू की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं। उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बेहद करीबी बताया जाता है। चर्चा तो यह भी है कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी बन सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, मनीष वर्मा मंगलवार को जदयू की सदस्यता ग्रहण करने वाले हैं। वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के रहने वाले हैं। कहा जाता है कि मनीष वर्मा ने इस लोकसभा चुनाव में जदयू के लिए रणनीति तैयार करने का काम किया था।

इसके साथ ही नालंदा में जदयू उम्मीदवार कौशलेंद्र कुमार की जीत सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात मेहनत की थी। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन्हें राज्यसभा भेज सकते हैं। आईएएस की नौकरी से वीआरएस लेने के बाद फिलहाल वह राज्य आपदा प्राधिकरण के सदस्य के साथ-साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सलाहकार भी हैं।

बता दें कि जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले भी मनीष वर्मा का नाम काफी सुर्खियों में रहा था। चर्चा थी कि नीतीश कुमार उन्हें पार्टी में कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकते हैं। लोग तो ये भी कह रहे थे कि मनीष वर्मा को जदयू का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। हालांकि, कार्यकारिणी बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यसभा सांसद संजय झा को पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया था। इसके बाद मनीष वर्मा का शोर धीमा पड़ गया था। लेकिन अब एक बार फिर से वह सुर्खियों में आ गए हैं।

उल्लेखनीय है कि 2000 बैच के ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी रहे मनीष वर्मा गुनपुर, रायगढ़ में एसडीएम के पद पर रहे। 2012 में उन्हें बिहार आने का मौका मिला। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें बड़ी-बड़ी जिम्मेदारी दी, तब से ही वह मुख्यमंत्री नीतीश के विश्वासपात्र लोगों में शामिल हो गए।

2018 में जब उन्हें बिहार से जाने का आदेश आया तो उन्होंने वीआरएस ले लिया। नौकरी छोड़ने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मनीष वर्मा को बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का सदस्य मनोनीत कर दिया। इसके साथ ही अपना परामर्शी भी बना दिया। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में मनीष वर्मा अनाधिकृत रूप से जदयू का चुनाव प्रचार भी करते देखे गए।

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