शारदा चिटफंड घोटला को लेकर कोलकाता पुलिस कमिश्नर और सीबीआई के बीच पैदा हुए विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है। इस फैसले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने किया।
सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को सीबीआई के समक्ष स्वयं को उपलब्ध कराने और शारदा घोटाला जांच में पूरा सहयोग करने का आदेश दिया। वहीं, सुप्रीम कोर्ट 20 फरवरी को कोर्ट सुनवाई करेगा। कौन है पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार?
राजीव कुमार पश्चिम बंगाल के 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी है और वर्तमान में कोलकाता पुलिस कमिश्नर है।। साल 2016 में वो कोलकाता के पुलिस कमिश्नर के पद पर नियुक्त किए गए। वो सुरजीत कर पुरकायस्थ के जगह नियुक्त हुए थे। बता दें कि राजीव कुमार विधाननगर के पुलिस आयुक्त और कोलकाता पुलिस के स्पेशल टॉस्क फोर्स के चीफ रह चुके हैं।राजीव कुमार यूपी के चंदौसी के रहने वाले हैं। उन्होंने आईआईटी रुड़की से कंप्यूटर साइंस में इंजिनियरिंग की पढ़ाई की थी। टेक्नो फ्रेंडली राजीव कुमार ने अपनी पढ़ाई का भरपूर इस्तेमाल अपने काम में किया। राजीव कुमार ने टेक्नॉलजी की मदद से कई अपराधियों को पकड़ा और यहीं से वह काफी चर्चित हो गए। राजीव कुमार ने 2013 में सारदा और रोज वैली घोटालों की जांच करने वाली विशेष जांच टीम (एसआईटी) का नेतृत्व किया था। इस घोटले में कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब हो गए थे तब राजीव कुमार और कुछ अन्य अधिकारियों को जांच में मदद करने के लिए कहा गया था।
90 के दशक में राजीव कुमार ने पश्चिम बंगाल में कोयला माफिया के खिलाफ जोरदार अभियान चलाकर पुलिस की हनक कायम की। धीरे-धीरे वह राज्य सरकार के बेहद करीबी हो गए। ममता बनर्जी ने एकबार उन पर फोन कॉल रिकॉर्ड करने का आरोप लगाया था। यही राजीव कुमार आज ममता बनर्जी के करीबी हो गए और वह उनके समर्थन में धरने पर बैठी हैं।
इस बीच राजीव कुमार की मां ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि उनके बेटे के खिलाफ बदले की कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि उनके बेटे ने कोई घोटाला नहीं किया है। राजीव की मां ने कहा, 'मेरा बेटा कोई गलत काम नहीं करेगा। अगर कोई गलत काम किया होता तो उसके समर्थन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी क्यों आतीं। मेरी बेटे से बात हुई है और उसने बताया कि मैं ठीक हूं। परेशान न हो।'