कौन हैं जगदीप धनखड़?, झुंझुनू टू दिल्ली, जानिए कैसा रहा सफर
By सतीश कुमार सिंह | Updated: July 21, 2025 22:58 IST2025-07-21T22:48:45+5:302025-07-21T22:58:43+5:30
Jagdeep Dhankhar Resigns: राजस्थान में झुंझुनू जिले के एक सुदूर गांव में किसान परिवार में जन्मे धनखड़ ने अपनी स्कूली शिक्षा सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ से पूरी की।

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नई दिल्लीः उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार शाम स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा भेज दिया और कहा कि वह तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं। धनखड़ का जन्म राजस्थान के झुंझुनू जिले के किठाना गांव में किसान परिवार में 18 मई, 1951 को हुआ। पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल धनखड़ देश के 14वें उपराष्ट्रपति बने थे। मार्गरेट अल्वा को पराजित किया था। राजस्थान के झुंझुनू के रहने वाले धनखड़ जाट समुदाय से हैं। राजनीतिक क्षितिज में पिछले कुछ वर्षों के दौरान धनखड़ के उदय ने बहुत सारे लोगों को आश्चर्य में डाला है।
— Press Trust of India (@PTI_News) July 21, 2025
Vice President Jagdeep Dhankhar (@VPIndia) writes, "To prioritise health care and abide by medical advice, I hereby resign as the Vice President of India, effective immediately, in accordance with Article 67(a) of the Constitution. I extend my deepest gratitude to Your… pic.twitter.com/0JxHwG9eYY— Press Trust of India (@PTI_News) July 21, 2025
Vice President Jagdeep Dhankhar resigns from his post "to prioritise health care, abide by medical advice"
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राजस्थान में झुंझुनू जिले के एक सुदूर गांव में किसान परिवार में जन्मे धनखड़ ने अपनी स्कूली शिक्षा सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ से पूरी की। भौतिकी में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से एलएलबी की उपाधि ली। धनखड़ ने राजस्थान उच्च न्यायालय और देश के उच्चतम न्यायालय, दोनों में वकालत की।
#WATCH | Delhi: On Vice President Jagdeep Dhankhar's resignation, Rajya Sabha MP Kapil Sibal says, "I wish him the best of health, because I am saddened, because I have a very good relationship with him. I have known him for 30-40 years. We were paired with each other. We have… pic.twitter.com/REoI8wwLTY
— ANI (@ANI) July 21, 2025
#WATCH | Delhi: On Vice President Jagdeep Dhankhar's resignation, Rajya Sabha MP Kapil Sibal says, "I am not going to speculate reasons as to why he has resigned. He has said that it is because of health reasons. So I don't want to speculate. I can say that he was one of the most… pic.twitter.com/ss1jbEyxdR— ANI (@ANI) July 21, 2025
1989 के लोकसभा चुनाव में झुंझुनू से सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने 1990 में संसदीय कार्य मामलों के राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया। 1993 में वह अजमेर जिले के किशनगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से राजस्थान विधानसभा पहुंचे। धनखड़ को एक खेल प्रेमी के रूप में भी जाना जाता है और वह राजस्थान ओलंपिक संघ तथा राजस्थान टेनिस संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं।
#WATCH | Delhi: On Vice President Jagdeep Dhankhar's resignation, Congress MP Kiran Kumar Chamala says, "Today morning also, he was in the Rajya Sabha and he tried to speak a few good words in the Rajya Sabha in regard to the political parties coming together to work for the… pic.twitter.com/fDGynLmzK1
— ANI (@ANI) July 21, 2025
कभी जनता दल के साथ रहे धनखड़ 2008 में भाजपा में शामिल हुए थे। वह अतीत में अधिवक्ता के तौर पर काम कर चुके हैं। उन्होंने राजस्थान में जाट समुदाय को ओबीसी का दर्जा दिलाने की मांग और ओबीसी से जुड़े कई अन्य मुद्दों की जोरदार ढंग से पैरोकारी की थी। पश्चिम बंगाल के तीन वर्षों तक राज्यपाल के रहने के दौरान धनखड़ अक्सर सुर्खियों रहे।
ममजा बनर्जी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के साथ उनका कई मौकों पर सीधा टकराव हुआ और यही कारण रहा कि वह कई बार तृणमूल कांग्रेस के निशाने पर आए। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में अपनी मौजूदा भूमिका से पहले 71 वर्षीय धनखड़ एक प्रसिद्ध वकील थे। जब धनखड़ छठी कक्षा में थे, तब वह चार-पांच किलोमीटर पैदल चलकर एक सरकारी स्कूल जाते थे।
क्रिकेट प्रेमी होने के साथ-साथ उनका झुकाव आध्यात्मिकता की ओर भी रहा है। दिलचस्प बात यह है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय बैठक भी धनखड़ के गृह जिले झुंझुनू में हुई थी। अपने समय के अधिकतर जाट नेताओं की तरह धनखड़ भी मूल रूप से देवीलाल से प्रभावित थे।
उस समय युवा वकील रहे धनखड़ का राजनीतिक सफर तब आगे बढ़ना शुरू हुआ, जब देवीलाल ने उन्हें 1989 में कांग्रेस का गढ़ रहे झुंझुनू संसदीय क्षेत्र से विपक्षी उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा था और धनखड़ ने जीत दर्ज की थी। धनखड़ 1990 में विश्वनाथ प्रताप सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में केंद्रीय मंत्री बने। जब पी.वी. नरसिंह राव प्रधानमंत्री बने तो वह कांग्रेस में शामिल हो गए।
राजस्थान की राजनीति में अशोक गहलोत का प्रभाव बढ़ने पर धनखड़ भाजपा में शामिल हो गए और कहा जाता है कि वह जल्द वसुंधरा राजे के करीबी बन गए। धनखड़ का राजनीतिक सफर उस समय करीब एक दशक के लिए थम गया, जब उन्होंने अपने कानूनी करियर पर अधिक ध्यान केंद्रित किया। जुलाई 2019 में धनखड़ को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया था।