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राहुल बजाज ने जब अमित शाह के सामने कह दिया था, 'भय का माहौल है... हमें भरोसा नहीं कि आप आलोचना को स्वीकार करेंगे'

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 12, 2022 22:14 IST

राहुल बजाज का जन्म 10 जून 1938 को कलकत्ता में हुआ था। उनके दादा जमनालाल बजाज ने 1926 में बजाज समूह की स्थापना की थी। बजाज जून 2006 में राज्यसभा में मनोनीत हुए और 2010 तक सदस्य रहे। पद्मभूषण से सम्मानित राहुल बजाज को कई विश्वविद्यालयों से डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी मिली थी।

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ठळक मुद्देबजाज स्कूटर देश में लोकप्रिय बनाने का श्रेय सीधे तौर पर उद्योगपति राहुल बजाज को जाता है राहुल बजाज ने परमिट राज में भी बजाज स्कूटर जैसे शानदार ब्रांड को स्थापित किया राहुल बजाज जून 2006 में राज्यसभा में मनोनीत हुए और 2010 तक इसे सदस्य रहे

पुणे: 90 के दशक से पहले जब उदारीकरण ने अपने पैर देश में नहीं फैलाये थे, उस दौर में भारत में स्कूटर बेचने के लिए राहुल बजाज ने ‘हमारा बजाज’ नाम से एक ऐसी पंच लाइन दी कि बजाज स्कूटर देखते ही देखते मध्यमवर्गीय भारतीय परिवारों की महत्वाकांक्षा का प्रतीक बन गया। बजाज स्कूटर देश में लोकप्रिय हुआ उसका सारा श्रेय सीधे तौर पर बड़े कद वाले बेखौफ उद्योगपति राहुल बजाज को जाता है।

अपनी स्पष्ट और खुलकर बोलने वाले  छवि के कारण राहुल बजाज ने लाइसेंस-परमिट राज में दो पहिया और तीन पहिया वाहनों का शानदार ब्रांड को स्थापित करके अपना दमखम पूरे देश को दिखाया।

राहुल बजाज का जन्म कलकत्ता में हुआ था 

बजाज समूह के पूर्व चेयरमैन राहुल बजाज का निधन शनिवार को पुणे में उनके आवास पर हो गया। 83 साल के राहुल बजाज ने बजाज ऑटो में गैर-कार्यकारी निदेशक और चेयरमैन पद से पिछले वर्ष 30 अप्रैल को इस्तीफा दिया था लेकिन वो अपनी मौत तक बजाज के चेयरमैन एमेरिटस बने रहे। राहुल बजाज का जन्म 10 जून 1938 को कलकत्ता में हुआ था। उनके दादा जमनालाल बजाज ने 1926 में बजाज समूह की स्थापना की थी।

राहुल बजाज ने दिल्ली के स्टीफन कॉलेज से ग्रेजुएशन और अमेरिका के हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए किया था। अपने पिता कमलनयन बजाज की टीम में उप महाप्रबंधक के रूप में उन्होंने काम शुरू करने वाले राहुल बजाज साल 1968 में 30 साल की उम्र में बजाज कंपनी के सीईओ बन गये थे।

ऑटोमोबाइल, जनरल बीमा तथा जीवन बीमा, निवेश और उपभोक्ता फाइनेंस, घरेलू उपकरण, इलेक्ट्रिक लैंप, पवन ऊर्जा, स्टेनलेस स्टील जैसे क्षेत्रों में कारोबार करने वाले जाज समूह का नेतृत्व संभालकर उन्होंने इसे वृद्धि के रास्ते पर बढ़ाया। उनके नेतृत्व में बजाज ऑटो का कारोबार 7.2 करोड़ रुपये से बढ़कर 12,000 करोड़ रुपये हो गया।

राहुल बजाज स्कूटर निर्माण बंद करते समय बेहद दुखी थे   

साल 2005 में उन्होंने कंपनी की जिम्मेदारी धीरे-धीरे अपने बेटे राजीव बजाज को सौंपनी शुरू की। राजीव बजाज ऑटो के प्रबंध निदेशक बन गए और कंपनी को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया। साल 2008 में उन्होंने बजाज ऑटो को तीन इकाईयों-बजाज ऑटो, बजाज फिनसर्व और एक होल्डिंग कंपनी में बांटा। उनके बेटे राजीव बजाज और संजीव बजाज ऑटो और फाइनेंस कंपनियों को संभाल रहे हैं।

कंपनी का बजाज चेतक स्कूटर मध्यमवर्गीय भारतीय परिवारों की आकांक्षा का प्रतीक बना। हालांकि जब राजीव ने 2009 में स्कूटर को छोड़कर बजाज ऑटो में पूरा ध्यान मोटरसाइकिल विनिर्माण पर देना शुरू किया तो राहुल बजाज ने अपनी निराशा नहीं छिपाई। बजाज ने सार्वजनिक तौर पर कहा, ‘‘मुझे बुरा लगा, दुख हुआ।’’

राहुल गांधी ने अमित शाह से सीधे कहा था, भय का माहौल है 

बिना लाग लपेट के अपनी बात को सीधी तरह से कहने वाले बजाज कूटनीति में पारंगत अन्य उद्योगपतियों से अलग थे, साफगोई उनकी खासियत थी भले इसकी वजह से सरकार के साथ ठन जाए, चाहे अपने खुद के बेटे के साथ आमना-सामना हो जाए। नवंबर 2019 की बात है, जब राहुल बजाज ने गृह मंत्री अमित शाह, समेत मोदी सरकार के कई मंत्रियों के सामने एक कार्यक्रम के दौरान चुभने वाले सवाल दाग दिए थे।

राहुल बजाज ने मुंबई में एक कार्यक्रम में सरकार द्वारा आलोचना को दबाने के बारे में खुलकर बोला जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल मौजूद थे। राहुल बजाज ने सीधे गृह मंत्री अमित शाह से कहा, ‘‘भय का माहौल है, यह निश्चित ही हमारे मन मस्तिष्क पर है। आप (सरकार) अच्छा काम कर रहे हैं उसके बावजूद हमें भरोसा नहीं कि आप आलोचना को स्वीकार करेंगे।’’

बजाज जून 2006 में राज्यसभा में मनोनीत हुए और 2010 तक सदस्य रहे। उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था तथा कई विश्वविद्यालयों से डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी गई। वह इंडियन एयरलाइंस के चेयरमैन, आईआईटी-बॉम्बे के निदेशक मंडल के चेयरमैन समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। आज तक वह ऐसे इकलौते व्यक्ति रहे जो उद्योग चैंबर सीआईआई के दो बार अध्यक्ष रहे, पहली बार 1979-80 और फिर 1999 से 2000 तक। (इस खबर में न्यूज एजेंसी भाषा से इनपुट ली गई है)

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