केरल के कोझिकोड इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर शुक्रवार रात हुए विमान हादसे में 18 लोगों की मौत हो चुकी है। हादसा तब हुआ दुबई से आ रही एयर इंडिया की फ्लाइट लैंडिंग के समय हवाईपट्टी से फिसल गई। इन सबके बीच चर्चा कोझिकोड के एयरपोर्ट की भी हो रही है।
कई जानकार बता रहे हैं कि बारिश और फिर कोझिकोड एयरपोर्ट के टेबलटॉप रनवे (Tabletop Runway) होने के कारण पायलट विमान को संभाल नहीं सके और ये फिसलकर खाई में जा गिरा।
इस हादसे में विमान के दो टुकड़े हो गए और एक टुकड़ा हवाई अड्डे के करीब खाई में गिरा। राहत वाली बात ये रही कि विमान में आग नहीं लगी। इस हादसे की एक बड़ी वजह बारिश को माना जा रहा है, जिसके कारण हवाई जहाज हवाई पट्टी पर फिसलते हुए बहुत दूर तक चला गया। जानकार मानते हैं कि वैसे भी टेबलटॉप रनवे पर विमान को लैंड कराना एक मुश्किल काम होता है।
टेबलटॉप रनवे क्या होता है?
टेबलटॉप रनवे वो होता है जिसे पहाड़ी क्षेत्र में बनाया जाते हैं। यह रनवे आम एयरपोर्ट के रनवे से न केवल काफी छोटे होते हैं बल्कि इसके लिए खास प्रशिक्षित और अनुभवी पायलट ही चाहिए होते हैं। आमतौर पर इन रनवे के दोनों तरफ या एक तरफ गहरी खाई होती है, जिससे हादसे की आशंका बनी रहती है।
बारिश और धुंध में विमान को ऐसी जगहों पर लैंड कराना और मुश्किल हो जाता है। भारत में टेबलटॉप रनवे में केरल के कालीकट अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (कोझिकोड), मंगलोर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (कर्नाटक) और मिजोरम में लेंगपुई एयरपोर्ट शामिल है।
साल 2010 में मेंगलुरु में भी हुआ था ऐसा ही हादसा
कोझिकोड के हादसे ने 2010 मेंगलुरु इंटरनेशल एयरपोर्ट पर हुए हादसे की याद ताजा कर दी। उस हादसे में भी एयर इंडिया का विमान दुबई से आ रहा था और ये रनवे पर फिसल कर गहरी खाई में जा गिरा था। इस हादसे में 158 लोग मारे गए थे। कोझिकोड इंटरनेशनल एयरपोर्ट की बात करें तो ये शहर से 28 किलोमीटर दूर करीपुर में है। मल्लपुरम से इसकी दूरी 25 किलोमीटर है।