लाइव न्यूज़ :

Jamaat-e-Islami: जमात-ए-इस्लामी पर एक्शन, गृह मंत्रालय ने 5 वर्षों के लिए प्रतिबंध बढ़ाया!

By सतीश कुमार सिंह | Updated: February 28, 2024 09:29 IST

Jamaat-e-Islami: जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर पर फरवरी, 2019 में केंद्र द्वारा पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया था।

Open in App
ठळक मुद्देजमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर पर और नकेल कसने की तैयारी कर रहा है। आतंकवाद विरोधी कानूनों के तहत जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध लगा दिया था।प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) पर बड़ा एक्शन हुआ है। 

Jamaat-e-Islami: प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) पर बड़ा एक्शन हुआ है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जमात-ए-इस्लामी जम्मू कश्मीर पर प्रतिबंध पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया है। केंद्र सरकार ने राष्ट्र की सुरक्षा, अखंडता और संप्रभुता के खिलाफ गतिविधियों को जारी रखने को लेकर मंगलवार को जमात-ए-इस्लामी (जम्मू कश्मीर) पर प्रतिबंध पांच साल के लिए बढ़ा दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह जानकारी दी। शाह ने कहा कि देश की सुरक्षा को खतरा पहुंचाने वाले किसी भी व्यक्ति को कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की आतंकवाद और अलगाववाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति का पालन करते हुए सरकार ने जमात-ए-इस्लामी (जम्मू कश्मीर) पर प्रतिबंध पांच साल के लिए बढ़ा दिया है।’’ केंद्र ने आतंकवाद विरोधी कानूनों के तहत जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध लगा दिया था। जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर पर फरवरी, 2019 में केंद्र द्वारा पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया था।

गृह मंत्री ने कहा कि संगठन को राष्ट्र की सुरक्षा, अखंडता और संप्रभुता के खिलाफ अपनी गतिविधियां जारी रखते हुए पाया गया है। इसे पहली बार 28 फरवरी 2019 को ‘‘गैरकानूनी संगठन’’ घोषित किया गया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि जमात-ए-इस्लामी (जम्मू-कश्मीर) उन गतिविधियों में शामिल रहा है, जो आंतरिक सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा हैं।

गृह मंत्रालय ने जमात-ए-इस्लामी (जम्मू कश्मीर) के खिलाफ दर्ज 47 मामलों को सूचीबद्ध किया है, जिनमें हिंसक और अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए वित्त पोषण संबंधी एनआईए का मामला भी शामिल है। इसने कहा कि हिजबुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा और अन्य आतंकवादी संगठनों के सक्रिय कैडरों और सदस्यों के माध्यम से जम्मू-कश्मीर समेत देशभर में हिंसक विरोध प्रदर्शन आयोजित करने, अशांति फैलाने और सांप्रदायिक वैमनस्य पैदा करने के लिए भी इस धन का उपयोग किया गया था।

जमात-ए-इस्लामी जम्मू और कश्मीर एक सामाजिक-राजनीतिक और धार्मिक संगठन है, जिसकी स्थापना 1945 में स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जमात-ए-इस्लामी हिंद के एक अध्याय के रूप में की गई थी। जमात-ए-इस्लामी राजनीतिक विचारधारा में मतभेद के कारण 1953 में अपने मूल संगठन से अलग हो गया था।

जमात-ए-इस्लामी 1993 में अपनी स्थापना से लेकर 2003 तक अविभाजित हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का एक प्रभावशाली संस्थापक सदस्य था। कैडर-आधारित पार्टी के पास एक शक्तिशाली मजलिस-ए-शूरा (सलाहकार परिषद) है जो महत्वपूर्ण मुद्दों पर सर्वसम्मति से निर्णय लेती है। जमात की संख्या 100 से 300 तक हो सकती है।

टॅग्स :गृह मंत्रालयजम्मू कश्मीर
Open in App

संबंधित खबरें

भारतDrung Waterfall: महीनों बाद खुला द्रुग वाटरफाल, टंगमर्ग राइडर्स की रोजी-रोटी में मदद मिली

भारतJammu-Kashmir Power Shortage: सर्दी बढ़ने के साथ कश्मीर में गहराया बिजली सकंट, करीब 500 मेगावाट बिजली की कमी से परेशान लोग

भारतJammu-Kashmir: कश्मीर के मोर्चे से खुशखबरी, आतंकी हिंसा में गिरावट पर आतंक और दहशत में नहीं

पूजा पाठVaishno Devi Temple: मां वैष्णो देवी की यात्रा में गिरावट, पिछले साल के मुकाबले श्रद्धालुओं की संख्या घटी

भारतदिल्ली लाल किला कार विस्फोटः जम्मू-कश्मीर और लखनऊ में कुल 8 जगहों पर NIA छापेमारी, ‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल पर नजर, पुलवामा, शोपियां और कुलगाम में एक्शन

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई