नई दिल्लीः केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए ‘करियर गाइडेंस डैशबोर्ड’ और ‘काउंसलिंग हब एवं स्पोक स्कूल मॉडल’ नामक दो पहल की हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि ये पहलें करियर संबंधी मार्गदर्शन के लिए संस्थागत तंत्रों को सुदृढ़ करेंगी और छात्रों के समग्र मनोसामाजिक कल्याण को बढ़ावा देंगी।
सीबीएसई के अध्यक्ष राहुल सिंह ने इन पहलों के बारे में कहा, ‘‘दोनों पहल विद्यालयों और छात्रों को लाभान्वित करने के लिए की गई हैं और इनमें हितधारकों की सक्रिय प्रतिक्रिया के जरिए सुधार किया जाता रहेगा।’’ अभिविन्यास-सह-संवाद सत्र के दौरान विशेषज्ञ दलों ने ‘करियर गाइडेंस डैशबोर्ड’ का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया।
जिसमें इसके ‘यूजर इंटरफेस’, प्रमुख विशेषताओं और छात्रों एवं शिक्षकों के लिए उपलब्ध सुविधाओं पर प्रकाश डाला गया। इसके अलावा, ‘सीबीएसई काउंसलिंग हब एंड स्पोक मॉडल’ पर केंद्रित सत्र में इसके कार्यान्वयन के तरीके, स्कूल-स्तरीय जिम्मेदारियों और निगरानी तंत्र के बारे में बताया गया।
स्वायत्त संस्थान में सेवा का समय केंद्र सरकार में ग्रेच्युटी भुगतान के लिए मान्य होगा
सरकार ने कहा कि स्वायत्त संस्थान में की गई सेवा के समय को केंद्र सरकार में ग्रेच्युटी भुगतान के लिए ‘सेवा काल’ माना जाएगा। कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि ‘पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग’ ने केंद्रीय सिविल सेवा (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत ग्रेच्युटी भुगतान) नियमावली, 2021 जारी की है, जो केंद्र सरकार के नागरिक कर्मचारियों पर लागू होती है।
लेकिन ये नियम स्वायत्त संस्थानों के कर्मचारियों पर स्वत:संज्ञान से लागू नहीं होते। उन्होंने बताया कि 12 फरवरी, 2020 को जारी एक कार्यालय स्मरण पत्र के अनुसार, यदि कोई कर्मचारी स्वायत्त संस्थान से, जहां राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली लागू है और जहां सेवानिवृत्ति/मृत्यु ग्रेच्युटी केंद्र सरकार के समान प्रावधानों के साथ दी जाती है, उचित अनुमति लेकर और इस्तीफा देकर केंद्र सरकार में नियुक्ति प्राप्त करता है, तो स्वायत्त संस्थान में बिताए गए उसके सेवा काल को केंद्र सरकार में ग्रेच्युटी भुगतान के लिए ‘सेवा काल’ माना जाएगा।
जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्वायत्त संस्थानों द्वारा ग्रेच्युटी भुगतान, ब्याज भुगतान या सेवा अवधि की गणना संबंधित संस्थान के नियमों के अनुसार होती है क्योंकि ‘पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग’ के नियम स्वायत्त संस्थानों के कर्मचारियों पर स्वचालित रूप से लागू नहीं होते। उनसे पूछा गया था कि अगर राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत कोई कर्मचारी स्वायत्त संस्थान से उचित अनुमति लेकर और इस्तीफा देकर केंद्र सरकार में आता है, तो क्या उसकी पूर्व सेवा को केंद्र सरकार में ग्रेच्युटी के लिए मान्य सेवा काल समझा जा सकता है।
अखिल भारतीय राष्ट्रीय पेंशन योजना कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मंजीत सिंह पटेल ने केंद्र सरकार के इस स्पष्टीकरण का स्वागत करते हुए कहा कि इससे, संबंधित कर्मचारियों के मन में किसी प्रकार का संशय नहीं रहेगा और यह सकारात्मक कदम है।