Parliament Monsoon Session: संसद के मानसून सत्र में विपक्षी दलों द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव औंधे मुंह गिर गया। प्रस्ताव पर जब वोटिंग की बारी आई तो विपक्ष सदन में मौजूद ही नहीं था। पीएम मोदी के भाषण के बाद अविश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया गया। विपक्ष की अनुपस्थिति में ये प्रस्ताव ध्वनि मत से अस्वीकृत हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में लगभग ढाई घंटे का जोरदार भाषण दिया और लगभग हर मुद्दे पर बोले। पीएम के भाषण पर पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने सदन से बाहर निकल कर प्रतिक्रिया भी दी।
NCP नेता सुप्रिया सुले ने कहा, "हमें उम्मीद थी कि वह (पीएम मोदी) अर्थव्यवस्था, महंगाई, बेरोजगारी, मणिपुर, मणिपुर की महिलाओं पर क्रूरता के मुद्दे पर बोलेंगे लेकिन डेढ़ घंटे में उनका 90% भाषण I.N.D.I.A पर था।"
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, "यह अविश्वास प्रस्ताव I.N.D.I.A के सदस्य के रूप में मेरे द्वारा लोकसभा में प्रस्तुत किया गया था। गठबंधन...इतने दिनों की जद्दोजहद के बाद, इतनी मुश्किलों के बाद आखिरकार आज देश प्रधानमंत्री मोदी को संसद में बोलते हुए देख रहा है...प्रधानमंत्री मोदी अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं...पीएम मोदी मणिपुर का दौरा न करने पर इतने अड़े क्यों हैं?...मणिपुर के मुख्यमंत्री को क्यों नहीं निकाला गया?...इतने दिनों तक मणिपुर पर चुप्पी क्यों साधे रखी गई?...शांति की अपील क्यों नहीं की गई? पिछले 2 घंटे से चर्चा चल रही है लेकिन मणिपुर को न्याय मिलता नहीं दिख रहा है।"
AIMIM सांसद असदुद्दीन औवेसी ने कहा, "BRS और हमारी पार्टी ने भी अविश्वास प्रस्ताव दिया था जिसे स्पीकर ने स्वीकार कर लिया। प्रधानमंत्री मोदी का आज का भाषण उनके पिछले 9 साल में दिए गए सभी भाषणों में से बोरिंग था। हमने सोचा था कि वह उन लोगों की निंदा करेंगे जो मणिपुर में हिंसा कर रहे हैं, हमने सोचा कि वह हरियाणा सरकार के विध्वंस अभियान की निंदा करेंगे... लेकिन वहां कुछ नहीं हो रहा है। वहां मुगल-ए-आजम चल रही है।"
समाजवादी पार्टी सांसद डिंपल यादव ने कहा, "अविश्वास प्रस्ताव के पीछे का कारण मणिपुर था जहां कई महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ, बच्चों की हत्या हुई और कई अन्य घटनाएं हुईं लेकिन पीएम ने मणिपुर के बारे में कुछ नहीं कहा और मणिपुर के लोगों के साथ खड़े नहीं हुए और इसीलिए विपक्ष ने वाकआउट किया।"
जद सांसद मनोज झा ने कहा, "हमने सोचा था कि प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर पर बोलेंगे...लेकिन हमने क्या देखा? कमेंट, चुटकुले और वॉट्सऐप बातें...प्रधानमंत्री मोदी से ये उम्मीद नहीं थी।"
जदयू सांसद राजीव रंजन (ललन) सिंह ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो भी बोल रहे थे वह उनकी हताशा और घबराहट का प्रतीक था। वह नये गठबंधन से अपनी घबराहट जाहिर कर रहे थे। उन्होंने भारत के उस प्रमुख मुद्दे पर एक शब्द भी नहीं कहा जो मणिपुर 3 मई से जल रहा है। हम 1 घंटे 45 मिनट तक सुनते रहे लेकिन उन्होंने इस बारे में एक शब्द भी नहीं कहा। वह नए गठबंधन के बारे में बात करते रहे।"
शिरोमणि अकाली दल सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा, "मुझे बाहर निकलना पड़ा। सबका साथ की बात करने का कोई मतलब नहीं है, ये बात सबको समझनी चाहिए... मणिपुर की महिलाओं को क्या संदेश दिया? अगर वे उनके साथ हैं तो उन्हें न्याय दिलाने के लिए क्या कदम उठाये गये हैं?"