कोलकाताः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी पर एक्शन लिया है। गिरफ्तार मंत्री चटर्जी को तत्काल प्रभाव से मंत्रिमंडल से हटाया गया है। सरकार ने कहा कि बंगाल SSC भर्ती घोटाले के आरोपी पार्थ चटर्जी 28 जुलाई से अपने विभागों के प्रभारी मंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों से मुक्त किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बर्खास्त किए गए मंत्री पार्थ चटर्जी के उद्योग और अन्य विभागों को अपने पास रखा है। तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की पार्थ चटर्जी को निष्कासित करने की मांग के बीच बैठक बुलाई थी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे एवं तृणमूल कांग्रेस महासचिव अभिषेक बनर्जी भी शामिल हुए।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा स्कूल भर्ती घोटाले में गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी को बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल सरकार ने बर्खास्त कर दिया। एक आधिकारिक आदेश में कहा गया, ‘‘पार्थ चटर्जी को उद्योग, वाणिज्य एवं उद्यम विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग, संसदीय मामलों के विभाग और सार्वजनिक उद्यम एवं औद्योगिक पुनर्निर्माण विभाग के प्रभारी मंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों से तत्काल प्रभाव से मुक्त किया जाता है।’’
वहीं, यहां एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बर्खास्त किये गये मंत्री पार्थ चटर्जी के विभागों का प्रभार कुछ समय के लिए उनके पास रहेगा। तृणमूल कांग्रेस के महासचिव चटर्जी को ईडी ने स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के भर्ती अभियान से जुड़ी कथित अनियमितताओं के मामले की जांच के संबंध में 23 जुलाई को गिरफ्तार किया था।
ईडी ने इस मामले में चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी को भी गिरफ्तार किया है। ईडी ने अर्पिता के शहर में स्थित फ्लैट से करोड़ों रुपये की नकदी जब्त की है। महासचिव एवं प्रवक्ता कुणाल घोष ने एसएससी घोटाले मामले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को पद से तुरंत हटाए जाने और पार्टी से भी तत्काल निष्कासित किए जाने की मांग की थी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों के अनुसार, चटर्जी से संबद्ध अपार्टमेंट से लगभग 50 करोड़ रुपये की नकदी और सोना बरामद किया गया है। इसके अलावा कुछ संपत्तियों तथा विदेशी मुद्रा से संबंधित दस्तावेज भी बरामद किए गए थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया।
पार्टी के प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ‘‘पार्थ चटर्जी को मंत्रिमंडल तथा पार्टी के सभी पदों से तत्काल हटाया जाना चाहिए। अगर मेरा बयान गलत लगे, तो पार्टी के पास मुझे भी सभी पदों से हटाने का अधिकार है। मैं तृणमूल कांग्रेस के एक सैनिक की तरह काम करता रहूंगा।’’