पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सोमवार (22 अक्टूबर) को कहा कि ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल में किसी प्रकार की सेंसरशि है। उन्होंने यह बात उत्तर 24 परगना के जिला अधिकारियों के साथ बैठक के बाद कही। उन्होंने कहा कि मेरी यात्रा को लेकर 17 अक्टूबर को जिला प्रशासन को सूचित किया गया था। जिलाधिकारी ने जवाब दिया था कि राज्य सरकार की अनुमति के बाद ही कार्रवाई की जा सकती है।
उन्होंने कहा यह असंवैधानिक है। मैं राज्य सरकार के अधीन्थ नहीं हूं। गौरतलब है कि जिला अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के प्रशासनिक दौरे को देखते हुए राज्यपाल की बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया था। धनखड़ ने उनके इनकार को ‘‘असंवैधानिक’’ बताया है।
राज्यपाल ने पिछले हफ्ते उत्तर तथा दक्षिण 24 परगना जिलों के जिला मजिस्ट्रेट, नौकरशाहों और निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ बैठकें करने की इच्छा जताई थी। उन्होंने मंगलवार से यहां का दौरा प्रारंभ किया है। राज भवन के सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल कार्यालय को सोमवार शाम दो जिलों के जिला मजिस्ट्रेटों से पत्र मिले जिनमें कहा गया था कि अधिकारी मुख्यमंत्री के उत्तर बंगाल के दौरे में व्यस्तता के चलते राज्यपाल की बैठकों में शामिल नहीं हो पाएंगे।
सूत्रों के मुताबिक अधिकारियों ने कहा कि उनके (राज्यपाल) दौरे के मद्देनजर वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। राज्यपाल ने पीटीआई-भाषा को फोन पर बताया, ‘‘ जिला अधिकारियों के पत्र देखकर मैं हैरान हूं, पत्रों में उन्होंने बैठकों में शामिल होने में असमर्थता जताई है वह भी तब जबकि उन्हें चार दिन पहले इस बाबत सूचना दी गई थी।
पता नहीं, लेकिन ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल में किसी तरह की सेंसरशिप है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके बावजूद मैं जिलों का अपना दौरा जारी रखूंगा।’’ धनखड़ और राज्य सरकार के बीच कई मुद्दों को लेकर विवाद चल रहे हैं।
(पीटीआई भाषा एजेंसी से इनपुट)