ममता बनर्जी सरकार भीड़ हत्या के खिलाफ विधेयक करेगी पेश, तीन साल से लेकर आजीवन कारावास तक का है प्रावधान
By भाषा | Published: August 28, 2019 06:07 AM2019-08-28T06:07:21+5:302019-08-28T06:19:51+5:30
तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ मंत्री ने मंगलवार को कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य कमजोर लोगों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करना और भीड़ द्वारा हत्या की घटनाओं को रोकना है। इसमें अपराध में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई का भी प्रस्ताव किया गया है
पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार भीड़ द्वारा हिंसा और हत्या जैसी घटनाओं पर काबू के लिए विधानसभा में एक विधेयक लाने की योजना बना रही है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल (भीड़ द्वारा हत्या पर रोकथाम) विधेयक, 2019 को 30 अगस्त को सदन में पेश किए जाने की संभावना है।
तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ मंत्री ने मंगलवार को कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य कमजोर लोगों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करना और भीड़ द्वारा हत्या की घटनाओं को रोकना है। इसमें अपराध में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई का भी प्रस्ताव किया गया है।
पीड़ित पर हमला कर घायल करने के लिए विधेयक में तीन साल से आजीवन कारावास तक की जेल की सजा का प्रावधान होगा। उन्होंने कहा कि मौत के मामले में घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को कठोर आजीवन कारावास और पांच लाख रुपये तक का जुर्माना होगा।
मंत्री ने कहा कि विधेयक के अनुसार राज्य के पुलिस महानिदेशक एक समन्वयक नियुक्त करेंगे जो नोडल अधिकारी के रूप में कार्य करेगा। विपक्षी कांग्रेस ने कदम का स्वागत किया लेकिन इसके दुरूपयोग को लेकर सरकार को आगाह किया।
कांग्रेस के मुख्य सचेतक मनोज चक्रवर्ती ने कहा कि वास्तव में यह स्वागतयोग्य कदम है। लेकिन राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इसका दुरुपयोग न हो। हालांकि, भाजपा ने कहा कि यह तृणमूल कांग्रेस सरकार की चाल है ताकि वह भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं से हिसाब चुकता कर सके।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि ऐसा लगता है कि भीड़ हत्या की घटनाओं को लेकर वे बहुत परेशान हैं। लेकिन तृणमूल गुंडों के हाथों भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की राजनीतिक हत्याओं के बारे में क्या विचार है। वे इस तरह की राजनीतिक हत्याओं को रोकने के लिए कोई कानून क्यों नहीं ला रहे हैं।