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West Bengal: ईडी की रेड में अर्पिता मुखर्जी के घर से मिला पैसों का अंबार, जानिए मंत्री पार्थ चैटर्जी से कब हुई थी पहली मुलाकात

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 28, 2022 18:23 IST

शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय का एक्शन लगातार जारी है। पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री पार्थ चैटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर पर ईडी की छापेमारी में पैसों का पहाड़ निकला है। बताया जा रहा हैं कि दोनों की दोस्ती 10 साल पुरानी है।

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ठळक मुद्दे 2019- 20 के दौरान पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी कई मौकों पर साथ नजर आए।सूत्रों के मुताबिक अर्पिता ये कबूल कर चुकी हैं कि ये पैसा पार्थ का है।पार्थ और अर्पिता ने 21 जनवरी 2012 को एक साझा प्लॉट खरीदा था।

कोलकाता: अक्सर फिल्मी सितारों के सियासी कनेक्शन की बात होती है तो कई बड़े खुलासे होते हैं। पश्चिम बंगाल में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। अर्पिता मुखर्जी के मंत्री पार्थ चटर्जी के साथ कनेक्शन ने ईडी को नोटों के उस पहाड़ तक पंहुचा दिया जिसे अर्पिता के फ्लैट में छुपाया गया था। सिर्फ पैसे ही नहीं बल्कि कीमती सामानों का भी ढेर ईडी ने बरामद किया है।

कहा जा रहा है कि ये सारा पैसा और कीमती सामान अर्पिता का नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी का है। आरोप है कि एसएससी स्कैम घोटाले में मंत्री पार्थ चटर्जी ने ये पैसा कमाया है। मामले को लेकर ईडी की जांच और रेड जारी है। लेकिन आखिर ये अर्पिता मुखर्जी हैं कौन और कैसे इस पूरे घोटाले में आरोपी बताए जा रहे मंत्री पार्थ चटर्जी से उनकी मुलाकात हुई। आइए जानते हैं बंगाल की राजनीति में हड़कंप मचा देने वाले एसएससी स्कैम घोटाले में सबसे पहले ईडी के निशाने पर आई अर्पिता मुखर्जी के बारे में।

अर्पिता के घर से मिला पैसों का पहाड़ 

अर्पिता मुखर्जी ने शायद ही कभी सोचा होगा कि उनके घर पर मिला पैसों का पहाड़ उनके लिए मुसीबतों का पहाड़ लेकर आएगा। कोलकाता के बेलघरिया इलाके के एक मिडिल क्लास परिवार में जन्मी अर्पिता को कॉलेज के दिनों से ही मॉडलिंग का शौक था। अर्पिता के पिता सरकारी कर्मचारी थे। उनकी मौत के बाद अर्पिता की शादी कर दी गई।

जानकारी के मुताबिक उन्हे पिता की नौकरी देने की बात भी हुई। अर्पिता ने ना  नौकरी को चुना और ना ही अपने पति को। वो मॉडलिंग करने के लिए कोलकाता आ गई और वहीं रहने लगी। किस्मत अच्छी रही उन्हे मॉडलिंग में भी बढ़िया काम मिलने लगा और फिल्मों में साइड रोल भी।

बांग्ला इंडस्ट्री की जानी मानी डायरेक्टर संघमित्रा चौधरी के मुताबिक उनकी 2008 में अर्पिता से एक प्रोडयूसर के घर पर मुलाकात हुई थी। उस वक्त संघमित्रा को वो इतनी पसंद आई कि उन्होंने अर्पिता को 3 फिल्में एक साथ ऑफर कर दी। 

कैसे हुई अर्पिता के फिल्मी करियर की शुरूआत 

संघमित्रा की मानें तो अपने फिल्मी करियर के शुरूआती दौर में अर्पिता के पास गाड़ी नहीं थी, वो टैक्सी से  शूटिंग के लिए आती थी। हालांकि कुछ वक्त बाद एक सेकेंड हैंड गाड़ी से आने लगी। ये गाड़ी अर्पिता ने खरीदी थी या तोहफे में मिली थी ये भी नहीं पता था। वहीं जब अर्पिता तीसरी फिल्म कर रही थी तो उनके व्यवहार में बदलाव आया। वो जल्दी घर जानें लगी। संघमित्रा के मुताबिक उस वक्त उन्होंने इस बात पर ज्यादा गौर तो नहीं किया लेकिन अब अर्पिता के बारे में सुनकर वो हैरान हैं। 

कैसे हुई मंत्री पार्थ चटर्जी से मुलाकात हुई ?

फिल्मी करियर के बीच कैसे उनकी मंत्री पार्थ चटर्जी से मुलाकात हुई उसके बारे में भी कुछ जानकारी सामने आई है। 2019- 20 के दौरान पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी कई मौकों पर साथ नजर आए। जानकारी के मुताबिक अर्पिता मुखर्जी कोलकाता की सबसे बड़ी दुर्गा पूजा समिति नकतल उदयन संघ के प्रमोशनल कैंपेन का चेहरा थीं। जबकि पार्थ चटर्जी इसके चीफ पैट्रन थे।

पश्चिम बंगाल के इलेक्शन के दौरान भी अर्पिता पार्थ के लिए प्रचार करने निकली थी। उस वक्त दोनों के बारे भी चर्चा भी हुई लेकिन कुछ जानकारी इस ओर इशारा करती है कि मंत्री पार्थ और अर्पिता की दोस्ती 10 साल पुरानी है। ईडी के अधिकारियों ने बरामद कागजात के आधार पर दावा किया है कि पार्थ और अर्पिता ने 21 जनवरी 2012 को एक साझा प्लॉट खरीदा था।

कुछ रिपोर्टस में ये भी दावा किया गया है कि मई 2012 में पार्थ चटर्जी के सिंगापुर दौरे में अर्पिता भी उनके साथ थीं। वहीं सूत्रों के मुताबिक अर्पिता ये कबूल कर चुकी हैं कि ये पैसा पार्थ का है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा है कि इतना ज्यादा पैसा है उन्हे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। वहीं दावा ये भी है कि अर्पिता घर से ईडी को एक ब्लैक डायरी भी मिली है । ये डायरी बंगाल सरकार के एक विभाग की है। 

फिलहाल ईडी की हिरासत में है अर्पिता मुखर्जी

बता दें कि अर्पिता मुखर्जी फिलहाल ईडी की हिरासत में हैं। अब तक अर्पिता के दो फ्लैटों पर छापेमारी हो चुकी है। छापेमारी के दौरान सोने डॉलर और कुछ दस्तावेजों के अलावा 51 करोड़ रुपये की नकदी का एक बड़ा भंडार मिला है। कहा जा रहा है उसने ईडी के सामने खुलासा किया था कि पार्थ चटर्जी ने अपने फ्लैटों को मिनी बैंक के रूप में इस्तेमाल किया था।

पहली छापेमारी में ईडी को अर्पिता के घर से 21 करोड़ रुपये के करेंसी नोट, 70 लाख रुपये से अधिक मूल्य का सोना, डॉलर में 50 लाख रुपये से अधिक की नकदी, 20 मोबाइल फोन मिले हैं। जबकि बुधवार को हुई छापेमारी में  28 करोड़, सोने की छड़ों सहित 5 किलो सोना मिला है।

बताया जा रहा हैं कमरों के अलावा वॉशरूम और संदूकों तक में कैश मिला है। फिलहाल मामले को लेकर जांच जारी है। कई और ठिकानों पर भी छापेमारी की जाएगी।

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