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मौसम अलर्ट: 'वायु' बना खतरनाक चक्रवाती तूफ़ान, गुजरात में तीन 3 लाख लोग सुरक्षित हटाए गए

By स्वाति सिंह | Updated: June 12, 2019 15:27 IST

मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक चक्रवाती तूफान गुजरात की तरफ बढ़ रहा है। गुरुवार तक 'वायु' तूफान अपने चरम पर होगा। इसके 13 जून या 14 जून की सुबह तक गुजरात पहुंचने की संभावना है।

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ठळक मुद्दे'वायु' से निपटने के लिए गुजरात प्रशासन हाई अलर्ट पर है। मुंबई समेत महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में मछुआरों को अलर्ट जारी किया गया है।

चक्रवाती तूफान 'वायु' गुजरात में दस्तक देने जा रहा है। चक्रवाती तूफान वायु का असर बुधवार से ही महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में दिखने लगा है। 'वायु' से निपटने के लिए गुजरात प्रशासन हाई अलर्ट पर है। इसके अलावा मुंबई समेत महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में मछुआरों को अलर्ट जारी किया गया है। दरअसल, बुधवार सुबह से ही मुंबई में तेज हवाएं चल रही हैं।

मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक चक्रवाती तूफान गुजरात की तरफ बढ़ रहा है। गुरुवार तक 'वायु' तूफान अपने चरम पर होगा। इसके 13 जून या 14 जून की सुबह तक गुजरात पहुंचने की संभावना है। चक्रवात के कारण लगभग 135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की भी संभावना है। लगभग 3 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। सेना भी तैयारियों में जुटी हैं।

'फोनी' से कमजोर है 'वायु' चक्रवात 

फोनी के मुकाबले वायु बेहद कमजोर है। विभाग पूर्वानुमान के अनुसार इसके सबसे मजबूत होने पर 110-120 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है। जबकि फोनी जुड़ी हवाओं की गति लगभग 220 किमी प्रति घंटा थी। 

इसके अलावा वायु केवल 'भीषण चक्रवाती तूफान' के रूप में वर्गीकृत किया गया। जबकि फोनी को 'बेहद भयंकर चक्रवाती तूफान' या 'सुपर चक्रवात' के रूप में वर्गीकृत गया था। लेकिन मानसूनी हवाओं से सभी नमी को अपनी ओर खींचकर चक्रवात के सामान्य प्रगति में हस्तक्षेप करने की उम्मीद जाताई जा रही है।

मानसून पर भी 'वायु' का असर

मानसूनी हवाओं से सभी नमी को अपनी ओर खींचकर चक्रवात के मानसून की सामान्य प्रगति में हस्तक्षेप करने की उम्मीद जाताई जा रही है। चक्रवात की जगह पर निम्न दाब का क्षेत्र बनने लग जाता है। पास मौजूद ठंडी हवा निम्न दाब वाले क्षेत्र को भरने के लिए इस तरफ बढ़ने लगती है।

वहीं अरब सागर में निम्न दबाव वाला क्षेत्र बना हुआ है। पिछले 120 वर्षों में मौजूद रिकॉर्ड के मुताबिक सभी चक्रवाती तूफानों का लगभग 14 प्रतिशत और भारत में 23 प्रतिशत गंभीर चक्रवात अरब सागर में आए हैं।

लगभग एक सप्ताह की अनुमानित देरी के बाद दक्षिण पश्चिमी मानसून ने केरल तट पर शनिवार को दस्तक दे दी। दक्षिण पश्चिम मानसून ही उत्तर और मध्य भारत सहित देश के अधिकांश इलाकों में लगभग चार महीने तक चलने वाली बारिश की ऋतु का वाहक माना जाता है। जिला कलेक्टर ने उन क्षेत्रों में लोगों को अलर्ट रहने को कहा है जहां पिछले साल मानसून के दौरान भूस्खलन की घटनाएं हुई थी। 

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