नई दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों कांग्रेस के लिए निराशाजनक रहे। वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को लगातार तीसरी बार सत्ता में आने से रोकने में विफल रही। चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि वह हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों को स्वीकार करने से इनकार करती है। कांग्रेस ने फिर से ईवीएम में गडबड़ी का हवाला दिया।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक ब्रीफिंग में कहा, "हरियाणा में नतीजे पूरी तरह से अप्रत्याशित, पूरी तरह से आश्चर्यजनक और सहज ज्ञान के विपरीत हैं। यह जमीनी हकीकत के खिलाफ है। यह हरियाणा के लोगों के मन में जो कुछ भी था, उसके खिलाफ है, जो बदलाव और रूपांतरण के लिए था। मुझे लगता है कि इन परिस्थितियों में, हमारे लिए आज घोषित परिणामों को स्वीकार करना संभव नहीं है।"
अपना आरोप जारी रखते हुए रमेश ने कहा, "हमें कम से कम तीन जिलों में मतगणना की प्रक्रिया और ईवीएम की कार्यप्रणाली पर बहुत गंभीर शिकायतें मिली हैं। और भी शिकायतें आ रही हैं। हमने हरियाणा में अपने वरिष्ठ सहयोगियों से बात की है और जानकारी एकत्र की जा रही है।"
वहीं पार्टी नेता पवन खेड़ा ने कहा, "हरियाणा चुनाव के नतीजे बिल्कुल अप्रत्याशित और अस्वीकार्य हैं। हिसार, महेंद्रगढ़ और पानीपत जिलों से लगातार शिकायतें आ रही हैं कि यहां EVM की बैट्री 99% थी। इन जगहों पर कांग्रेस को हराने वाले नतीजे आए।"
उन्होंने आगे कहा, "जिन मशीनों को नहीं छेड़ा गया और जिनकी बैट्री 60%-70% थी, वहां हमें जीत मिली। हम इन सारी शिकायतों को लेकर चुनाव आयोग जाएंगे। ये तंत्र की जीत और लोकतंत्र की हार है, हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते।"
जनादेश की बात करें तो सत्ता में काबिज पार्टी को राज्य की जनता ने सबसे बड़ा जनादेश दिया है। राज्य की 90 सीटों में उसे 48 सीटें हासिल हुई हैं, जो कि बहुमत के जादुई आंकड़े (46 सीटें) से ज्यादा है। कांग्रेस जो कि नतीजों से पहले एग्जिट पोल के अनुमान से गदगद थी, उसे 37 सीटें हासिल हुई हैं। वहीं इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) को दो सीटें मिली हैं। वहीं तीन निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है।