बीरभूम: यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) को लेकर देश में बहस जारी है। मौजूदा सरकार बढ़चढ़कर इसकी वकालत कर रही है। 20 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में भी इसको लेकर हंगामा होने के आसार हैं। इस बीच देश-दुनिया के मशहूर अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने गुरुवार को यूसीसी को लेकर कुछ सवाल उठाएं हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से यह पूछा है कि इससे किसको फायदा होगा? साथ ही अर्थशास्त्र में नोबल पुरस्कार विजेता ने यूसीसी को हिन्दुत्व से जोड़कर इसे निराधार बताया है।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने अमर्त्य सेन के हवाले से कहा, मैंने अखबार में खबर देखी जिसमें लिखा था यूसीसी में अब और देरी नहीं करनी चाहिए, ऐसे मूर्खतापूर्ण बात कहां से आई? इसमें कुछ नियम हैं, वे (केंद्र) इस तरह इसे कैसे लागू कर सकते हैं? इससे किसका फायदा होगा? वे जिस तरह देश चलाना चाहते हैं वह गलत है। हिंदू राष्ट्र ही भारत के लिए आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता नहीं है। इसमें हिंदूत्व का प्रयोग गलत तरीके से हो रहा है। हम कई सालों से बिना यूसीसी के रहते आ रहे हैं और भविष्य में भी इसके बिना रह सकते हैं।