Yogesh Kathuniya Paris Paralympics 2024: भारतीय टीम ने 8वां मेडल जीत लिया है। भारत के योगेश कथुनिया ने पेरिस पैरालंपिक में पुरुषों के एफ56 चक्का फेंक स्पर्धा में 42.22 मीटर के सत्र के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ रजत पदक जीत लिया है। पैरालंपिक में अपना लगातार दूसरा रजत पदक जीता है। उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में 42.22 मीटर तक डिस्कस फेंका और तीन साल पहले टोक्यो पैरालंपिक में जीते गए रजत पदक क्लब में शामिल हो गए। कथुनिया ने इससे पहले टोक्यो पैरालंपिक में भी इस स्पर्धा का रजत पदक जीता था। योगेश का पदक पेरिस में भारत का आठवां पदक है।
इस 27 साल के खिलाड़ी ने अपने पहले प्रयास में मौजूदा सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 42.22 मीटर की दूरी तय की। ब्राजील के क्लॉडनी बतिस्ता डॉस सैंटोस ने अपने पांचवें प्रयास में 46.86 मीटर की दूरी के साथ इन खेलों का नया रिकॉर्ड कायम करते हुए पैरालंपिक में स्वर्ण पदक की हैट्रिक पूरी की।
यूनान के कंन्स्टेंटिनो तजौनिस ने 41.32 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य पदक जीता। एफ 56 वर्ग में भाग ले वाले वाले खिलाड़ी बैठ कर प्रतिस्पर्धा करते है। इस वर्ग में ऐसे खिलाड़ी होते है जिनकी रीढ़ की हड्डी क्षतिग्रस्त होती है और शरीर के निचले हिस्से में विकार होता है।
भारत की प्रीति पाल ने रविवार को 30.01 सेकंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के साथ महिलाओं की 200 मीटर टी35 श्रेणी में कांस्य पदक जीता जो पेरिस पैरालंपिक का उनका दूसरा पदक है। प्रीति (23 वर्ष) का कांस्य पेरिस में भारत का दूसरा पैरा एथलेटिक्स पदक भी है। टी35 में वो खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं जिनमें हाइपरटोनिया, अटैक्सिया और एथेटोसिस जैसी समन्वय संबंधी विकार होते हैं।
शुक्रवार को उन्होंने पैरालंपिक ट्रैक स्पर्धा में भारत का पहला एथलेटिक्स पदक जीता था। उन्होंने महिलाओं की टी35 100 मीटर प्रतियोगिता में 14.21 सेकंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के साथ कांस्य पदक जीता था। पैरालंपिक के 1984 चरण के बाद से भारत ने जो भी एथलेटिक्स पदक जीते थे वो सभी फील्ड स्पर्धा से आए थे।