नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर एक महिला द्वारा मनुस्मृति को आग लगाने और जलती हुई किताब की लपटों से सिगरेट जलाने का वीडियो वायरल हो रहा है। 27 वर्षीय प्रिया दास के रूप में पहचानी जाने वाली महिला राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के महिला प्रकोष्ठ की राज्य सचिव हैं। अब वायरल हो रहे वीडियो में दास मिट्टी के चूल्हे पर चिकन पकाते हुए नजर आ रहे हैं। वह फिर मनुस्मृति की एक प्रति लाती है और उसे चूल्हे की आग से जला देती है। जैसे ही किताब जलती है, वह उसकी लपटों से सिगरेट जलाती है।
लेकिन उसने मनुस्मृति को क्यों जलाया? एक टीवी चैनल से बात करते हुए दास ने कहा कि किताब के मुताबिक अगर कोई महिला शराब का सेवन करती है तो उसे अलग-अलग तरह से सजा दी जा सकती है, लेकिन उसे सजा देने से पहले उसकी जाति का पता लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, वीडियो में उसकी हरकतें सिर्फ किताब के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए थीं। प्रिया ने कहा, मैं मांसाहारी भोजन नहीं खाती और न ही मैं धूम्रपान करती हूं।
एक दलित अधिकार कार्यकर्ता, दास को वीडियो में यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मनुस्मृति को जलाना एक क्रिया है, एक अस्थायी घटना है। बाबासाहेब अंबेडकर ने इसके जलने की नींव बहुत पहले ही रख दी थी। मनुस्मृति जलाने का उद्देश्य किसी एक व्यक्ति के प्रति नहीं है। यह पाखंड और ढोंग के विचारों पर हमला करना है। यही मेरा उद्देश्य था।
उन्होंने कहा, यह सिर्फ शुरुआत है, ऐसी किताबें मौजूद नहीं होनी चाहिए। एक व्यक्ति किताबों से ज्ञान प्राप्त करता है। लेकिन, यह किताब लोगों में भेदभाव करती है और उन्हें बांटती है। इसके लिए लोगों को ऐसी किताब के खिलाफ होना चाहिए।' प्रिया दास शिक्षक बनने के लिए पढ़ाई कर रही है और उसने सीटीईटी की परीक्षा पास कर ली है। वह पीएचडी की डिग्री की तैयारी भी कर रही है।