'तब तक नहीं उठेंगे...'?, जब सीएम नीतीश कुमार चुनाव चिह्न तीर देने का आश्वासन नहीं देंगे, वीडियो
By सतीश कुमार सिंह | Updated: October 14, 2025 13:51 IST2025-10-14T12:51:38+5:302025-10-14T13:51:53+5:30
आगामी विधानसभा चुनावों से पहले जनता दल यूनाइटेड (जद(यू)) के विधायक गोपाल मंडल ने मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी आवास के बाहर टिकट की मांग को लेकर धरना दे दिया।

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पटनाः एनडीए में सीट बंटवारे पर बातचीत के बाद टिकट न मिलने से नाराज सत्तारूढ़ जनता दल (यूनाइटेड) पार्टी के विधायक गोपाल मंडल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने की मांग को लेकर उनके घर के बाहर ज़मीन पर बैठ गए। जब सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया और कहा कि उनके पास कोई अपॉइंटमेंट नहीं है, तो मंडल गेट के पास बैठ गए। भागलपुर जिले की गोपालपुर सीट से लगातार चौथी बार विधायक बने मंडल आगामी बिहार चुनाव में गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनावी टिकट पाने के लिए नारेबाजी करते समर्थकों के एक समूह के साथ 1, अणे मार्ग पहुँचे।
#WATCH | Patna, Bihar| JD(U) MLA Gopal Mandal sits on the ground outside CM Nitish Kumar's house over his demand to meet the CM to get an election ticket from Gopalpur Assembly constituency in the upcoming Bihar elections pic.twitter.com/arVO3PwbkO
— ANI (@ANI) October 14, 2025
भागलपुर जिले की गोपालपुर विधानसभा सीट से लगातार चार बार के विधायक मंडल ने पांचवीं बार चुनाव लड़ने के लिए पार्टी का टिकट मांगा है। वह दोपहर में अपने समर्थकों के साथ एक, अणे मार्ग, स्थित मुख्यमंत्री आवास के सामने पहुंचे और नारेबाजी करने लगे। सूत्रों के अनुसार, बिना पूर्व अनुमति के पहुंचने पर सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें आवास परिसर में प्रवेश से रोक दिया।
इसके बावजूद मंडल मुख्य द्वार के सामने धरने पर बैठ गए और घोषणा की कि जब तक मुख्यमंत्री स्वयं उन्हें जद(यू) का चुनाव चिह्न (तीर) देने का आश्वासन नहीं देंगे, वह वहां से नहीं हटेंगे। घटनास्थल पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने विधायक को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माने।
जद(यू) में टिकट बंटवारा विवाद, सांसद मंडल ने नीतीश कुमार को लिखा पत्र, इस्तीफे की चेतावनी
विधानसभा चुनाव के लिए जनता दल यूनाइटेड (जद(यू)) में उम्मीदवार चयन को लेकर चल रहे विवाद के बीच पार्टी सांसद अजय कुमार मंडल ने मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर गहरी नाराजगी जताई है। मंडल ने टिकट बंटवारे में मनमानी का आरोप लगाते हुए सांसद पद से इस्तीफा देने की चेतावनी दी है और मुख्यमंत्री से त्यागपत्र देने की अनुमति मांगी है।
भागलपुर के सांसद अजय मंडल ने अपने पत्र में लिखा है कि वह पिछले 20-25 वर्षों से संगठन और जनता की सेवा कर रहे हैं तथा उन्होंने हमेशा पार्टी को परिवार की तरह माना है। उन्होंने कहा कि हाल के महीनों में संगठन में ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं जो पार्टी और उसके भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण की प्रक्रिया में स्थानीय सांसद होने के बावजूद उनसे कोई सलाह नहीं ली जा रही है। मंडल ने कहा, “जिन व्यक्तियों ने कभी पार्टी संगठन के लिए कार्य नहीं किया, उन्हें टिकट देने की बात सामने आ रही है, जबकि जिला अध्यक्ष और स्थानीय नेतृत्व की राय को पूरी तरह अनदेखा किया जा रहा है।”
मंडल ने दावा किया कि 2019 में वह जिस क्षेत्र से सांसद बने, वहां उनके नेतृत्व में जद(यू) ने उपचुनाव में जीत हासिल की थी, जो पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि अब उनके ही लोकसभा क्षेत्र में पार्टी के कुछ लोग टिकट बांटने का काम कर रहे हैं और उन्हें अपनी राय देने तक का अवसर नहीं दिया जा रहा है।
सांसद ने पत्र में लिखा, “जब संगठन में समर्पित कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेतृत्व की राय का कोई महत्व नहीं रह गया है, तो मेरे लिए सांसद पद पर बने रहने का औचित्य समाप्त हो जाता है।” उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य किसी प्रकार का विरोध नहीं बल्कि पार्टी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व को भविष्य में संभावित नुकसान से बचाना है।
मंडल ने आग्रह किया कि उन्हें सांसद पद से त्यागपत्र देने की अनुमति दी जाए। जद(यू) के भीतर यह विवाद उस समय सामने आया है जब राजग में सीटों के बंटवारे को लेकर पहले से ही असंतोष के स्वर सुनाई दे रहे हैं। टिकट बंटवारे में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए सोमवार को पार्टी के पूर्व विधायक जय कुमार सिंह ने भी इस्तीफा दे दिया।
बिहार : तेजस्वी यादव के हस्तक्षेप के बाद लालू प्रसाद ने टिकट वितरण रोका
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने सोमवार को पार्टी उम्मीदवारों को टिकट बांटने की प्रक्रिया उस समय रोक दी जब उनके पुत्र और पार्टी के नेता तेजस्वी यादव ने हस्तक्षेप करते हुए यह याद दिलाया कि बिहार में ‘इंडिया’ गठबंधन की सीट बंटवारे की औपचारिक घोषणा अभी बाकी है। सोमवार की शाम पटना के 10, सर्कुलर रोड स्थित पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास के बाहर अफरा-तफरी जैसा माहौल देखने को मिला, जब लालू प्रसाद और राबड़ी देवी दिल्ली से लौटे थे। बड़ी संख्या में टिकट के दावेदार उनके आवास के बाहर एकत्र थे।
बताया गया कि कुछ को पार्टी कार्यालय से फोन आने के बाद बुलाया गया था और वे कुछ ही देर में पार्टी का चुनाव चिन्ह लेकर बाहर निकले। इस बीच, देर रात दिल्ली से लौटे तेजस्वी यादव इस घटनाक्रम से नाराज बताए जाते हैं। राजद सूत्रों के अनुसार, तेजस्वी ने अपने पिता से कहा कि पार्टी उम्मीदवारों को टिकट दिए जाने की तस्वीरें और वीडियो विपक्ष के गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) के सहयोगी दलों को गलत संदेश दे सकते हैं, क्योंकि सीट बंटवारे पर सहमति अभी नहीं बनी है।
इसके बाद टिकट वितरण की प्रक्रिया तत्काल रोक दी गई और देर रात उन उम्मीदवारों से टिकट वापस ले लिए गए जिन्हें पहले प्रतीक दिए गए थे। पार्टी ने इसे “तकनीकी कारण” बताया। सूत्रों ने बताया कि उम्मीदवारों की औपचारिक घोषणा “आज शाम तक” किए जाने की संभावना है, क्योंकि तेजस्वी यादव बुधवार को राघोपुर सीट से अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं।
राजद का चुनाव चिह्न प्राप्त करने वालों में प्रमुख नाम संजीव कुमार (परबत्ता) का था, जिन्होंने हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जद(यू)) छोड़ दी थी। नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो को भी यह चुनाव चिह्न मिला, जो मटिहानी से कई बार विधायक रह चुके हैं।
इसके अलावा राजद के कई मौजूदा विधायक—भाई वीरेंद्र, चंद्रशेखर यादव (मधेपुरा) और इस्राइल मंसूरी (कांटी)—भी लालू के आवास से पार्टी प्रतीक लेकर बाहर निकलते देखे गए। यह दृश्य पिछले वर्ष के लोकसभा चुनावों की याद दिला रहा था, जब लालू प्रसाद ने गठबंधन सहयोगियों की सहमति से पहले ही कई टिकट बांट दिए थे।
बाद में सहयोगी दलों को राजद के फैसले को मानना पड़ा था। राजद के गठबंधन सहयोगियों में कांग्रेस के अलावा तीन वाम दल और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी शामिल हैं। इसके अलावा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की झामुमो और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की रालोजपा से भी गठजोड़ की संभावना जताई जा रही है।