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Dev Deepawali celebrations in Varanasi: लाखों दीप, रोशनी और भक्ति से जगमग बनारस?, सीएम योगी आदित्यनाथ पहुंचे

By सतीश कुमार सिंह | Updated: November 5, 2025 21:12 IST

Dev Deepawali celebrations in Varanasi: नमो घाट, दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट और अस्सी घाट पर विशेष गंगा आरती शाम 6.00 से 6.50 बजे तक संपन्न हुई।

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ठळक मुद्देDev Deepawali celebrations in Varanasi: कार्यक्रम का शुभारंभ सभी घाटों पर दीप प्रज्जवलन से शाम 5.15 से 5.50 बजे से हुआ।Dev Deepawali celebrations in Varanasi: देव दीपावली के अवसर पर बुधवार, पांच नवंबर को पूरे वाराणसी के घाट दीपों की पंक्तियों से जगमगा उठे। Dev Deepawali celebrations in Varanasi:  काशी में आस्था और अद्भुत दृश्य का संगम बुधवार को एक बार फिर देखने को मिला।

Varanasi: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वाराणसी में देव दीपावली समारोह में शामिल हुए। वाराणसी के गंगा घाटों पर देव दीपावली का उत्सव शुरू हो गया। शहर में 1 से 4 नवंबर तक गंगा महोत्सव मनाया जा रहा है, जिसमें आज रात गंगा तट पर भव्य देव दीपावली मनाई गई। काशी में आस्था और अद्भुत दृश्य का संगम बुधवार को एक बार फिर देखने को मिला। देव दीपावली के अवसर पर बुधवार, पांच नवंबर को पूरे वाराणसी के घाट दीपों की पंक्तियों से जगमगा उठे। कार्यक्रम का शुभारंभ सभी घाटों पर दीप प्रज्जवलन से शाम 5.15 से 5.50 बजे से हुआ। इसके बाद प्रमुख घाटों- नमो घाट, दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट और अस्सी घाट पर विशेष गंगा आरती शाम 6.00 से 6.50 बजे तक संपन्न हुई।

वाराणसी में गंगा के पावन तट पर आस्था, संस्कृति एवं परंपरा के महापर्व ‘देव दीपावली’ की शुरुआत बुधवार शाम वैदिक मंत्रोच्चार और ‘‘हर हर महादेव’’ के उद्घोष के बीच मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने दीप प्रज्वलित करके की। इससे पहले सुबह कार्तिक पूर्णिमा पर वाराणसी में गंगा घाटों पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने पवित्र नदी में डुबकी लगाई।

देव दीपावली के पावन पर्व पर बुधवार शाम काशी के अर्धचंद्राकार गंगा घाटों पर जब शाश्वत ज्योति की लौ प्रज्वलित हुई, तो पूरा शहर दिव्यता और भव्यता के अद्भुत संगम में डूब गया। गंगा तट की सीढ़ियों पर जलते लाखों दीपों की रोशनी ने ऐसा दृश्य प्रस्तुत किया, मानो स्वर्ग स्वयं धरती पर उतर आया हो।

गोधूलि बेला में उत्तरवाहिनी गंगा की लहरों पर जब दीपों की सुनहरी आभा झिलमिलाई, तो पूरी काशी आलोकित हो गई। एक आधिकारिक बयान के अनुसार देव दीपावली की शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नमो घाट पर पहला दीप प्रज्वलित करके की। उनके साथ पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, राज्य मंत्री रवीन्द्र जायसवाल, विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्य, महापौर अशोक तिवारी ने भी दीप प्रज्वलित करके मां गंगा को नमन किया। इसके बाद सभी विशिष्ट अतिथियों ने क्रूज पर सवार होकर मां गंगा की आरती के साथ घाटों पर सजी देव दीपावली का अद्भुत नजारा लिया।

योगी को अपने बीच देखकर जनता ने ‘‘हर हर महादेव’’ का जयघोष भी किया। मुख्यमंत्री ने हाथ हिलाकर काशी की जनता और पर्यटकों का अभिवादन किया। धर्म के साथ राष्ट्रीयता का संदेश देते हुए दशाश्वमेध घाट पर ‘अमर जवान ज्योति’ की अनुकृति स्थापित की गई। यहां पर कारगिल युद्ध के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

देव दीपावली महोत्सव को ऑपरेशन सिंदूर के नाम समर्पित किया गया, जिसमें देश की वीर माताओं के आंचल को नमन किया गया। बयान के अनुसार राज्‍य सरकार ने इस बार 10 लाख दीपों का लक्ष्य रखा था, लेकिन जन सहभागिता से यह संख्या बढ़कर 15 से 25 लाख दीपों तक पहुंच गई। इन दीपों में एक लाख गाय के गोबर से निर्मित पर्यावरण अनुकूल दीप भी शामिल थे।

घाटों, तालाबों, कुंडों और देवालयों पर दीपों की शृंखला ने काशी को सुनहरी माला की तरह सजा दिया। परंपरा के साथ आधुनिकता का संगम चेत सिंह घाट पर दिखा, जहां 25 मिनट का ‘थ्रीडी प्रोजेक्शन मैपिंग’ शो ‘काशी-कथा’ प्रस्तुत की गई। इसमें भगवान शिव-पार्वती विवाह, भगवान विष्णु की चक्र पुष्करिणी, भगवान बुद्ध के उपदेश, कबीर-दास और तुलसीदास की भक्ति परंपरा तथा महामना मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित काशी हिंदू विश्वविद्यालय तक की यात्रा का दृश्य जीवंत किया। गंगा पार की रेत पर ‘कोरियोग्राफ और सिंक्रोनाइज ग्रीन क्रैकर्स शो’ ने पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

आसमान में गूंजती संगीतबद्ध आतिशबाजी और गंगा की लहरों पर प्रतिबिंबित रंगों ने दृश्य को और भी दिव्य बना दिया। दशाश्वमेध घाट की महाआरती में 21 अर्चक और 42 देव कन्याओं ने रिद्धि-सिद्धि के रूप में आरती की। 21 कुंटल फूल और 51 हजार दीपों से सजे घाट पर जब शंखनाद और घंटा-घड़ियालों की ध्वनि गूंजी, तो वातावरण में अद्भुत ऊर्जा का संचार हो गया।

इस अवसर पर अमर वीर योद्धाओं को ‘भगीरथ शौर्य सम्मान’ से सम्मानित किया गया। देव दीपावली पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना हुई। बाबा के दरबार को फूल और रोशनी से भव्य रूप में सजाया गया। धाम का पूरा परिसर दीपों से जगमगा उठा, जहां श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा रहा है।

अधिकारियों के अनुसार श्रद्धालुओं की भीड़ और वीवीआईपी उपस्थिति को देखते हुए वाराणसी को नो-फ्लाई जोन घोषित किया गया है। उन्होंने बताया कि बिना अनुमति ड्रोन उड़ाने पर प्रतिबंध रहा। उन्होंने बताया कि घाटों पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और जल पुलिस की टीम नौकाओं, आधुनिक उपकरणों और वाटर एम्बुलेंस के साथ तैनात रहीं।

उन्होंने बताया कि नदी मार्ग पर नावों के लिए लेन निर्धारण किया गया। उन्होंने बताया कि नाविकों को निर्धारित दिशा और सुरक्षा नियमों के पालन के निर्देश दिए गए थे। उन्होंने बताया कि सड़कों पर यातायात, पार्किंग और प्रवेश-निकास की व्यवस्था पूरी तरह नियंत्रित रही। उन्होंने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए सादे कपड़ों में महिला पुलिसकर्मियों, एंटी रोमियो स्क्वॉड और क्यूआरटी टीम को तैनात किया गया है। इससे पूर्व आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया मंच 'एक्‍स' देव दीपावली के मनमोहक दृश्यों का एक वीडियो साझा करते हुए कार्यक्रम में शामिल होने की जानकारी दी।

उन्‍होंने पोस्ट में कहा, ''पावन पर्व देव दीपावली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।'' राज्य के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने क्रूज पर सवार होकर घाटों का जायजा लिया। जगमग काशी को निहारते हुए वह आगे बढ़े। इस बीच घाटों के किनारे से ‘‘हर हर महादेव’’ का उद्घोष गूंज रहा था। घाटों का भ्रमण करके योगी मुख्य कार्यक्रम में पहुंचे।

एक अधिकारी ने बताया कि काशी के घाटों पर लाखों दीप जगमगा रहे हैं। देव दीपावली के अवसर पर बुधवार को वाराणसी के घाट दीपों की पंक्तियों से जगमगा उठे। जानकारी के अनुसार कार्यक्रम की शुरुआत सभी घाटों पर दीप प्रज्वलन से शाम 5.15 के बाद हुई, जिसमें खासतौर पर मुख्‍यमंत्री समेत कई प्रमुख लोग शामिल हुए।

इसके पहले उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने एक आधिकारिक बयान में बताया कि कार्तिक पूर्णिमा पर वाराणसी में गंगा घाटों पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने पवित्र नदी में डुबकी लगाई। बयान के मुताबिक, अस्सी घाट से राजघाट तक और गंगा-गोमती के संगम पर भी स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही।

बुधवार तड़के से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा नदी की ओर प्रस्थान करने लगे। सूर्य की पहली किरण के साथ गंगा में पूर्णिमा का स्नान आरंभ हुआ। देश-विदेश से आए लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया। पर्यटन मंत्री ने बताया, ‘‘कार्तिक पूर्णिमा की पहली किरण के साथ ही घाटों पर श्रद्धा और भक्ति का सैलाब देखने को मिला। गूंजते मंत्रों, आरती और दीपों की ज्योति से वातावरण दिव्य बन गया।’’

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