जयपुर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बिहार में विधानसभा चुनाव के परिणामों के रुझानों को निराशाजनक है। बिहार में महागठबंधन के पिछड़ने पर राज्य के वरिष्ठ पर्यवेक्षक अशोक गहलोत ने कहा कि बिहार के नतीजे निराशाजनक हैं, इसमें कोई शक नहीं है। मैंने वहां जिस तरह का माहौल देखा - महिलाओं को 10-10 हज़ार रुपये दिए गए, ये तब भी दिए जा रहे थे जब चुनाव प्रचार चल रहा था... चुनाव आयोग मूकदर्शक बना रहा। उसने इसे क्यों नहीं रोका? इसे रोकना चाहिए था, लेकिन नहीं रोका।
इसका मतलब है कि राहुल गांधी ने जो वोट चोरी के लिए कहा, वोट चोरी यही है। अगर निष्पक्ष चुनाव नहीं होते, अगर धांधली होती, अगर बोपोथ कैप्चरिंग होती या धोखाधड़ी होती और पैसा बांटा जाता - चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की, वे सत्ताधारी पार्टी के साथ मिलीभगत कर रहे थे। इन दिनों पैसे का दुरुपयोग हो रहा है।
महाराष्ट्र में, उम्मीदवारों को करोड़ों रुपये दिए गए। कांग्रेस और राजद के पास पैसा नहीं है। इसलिए, लोकतंत्र पर खतरा मंडरा रहा है। चुनाव जीतना एक बात है, एनडीए जीतेगा और सरकार बनाएगा। मोदी जी तीन बार प्रधानमंत्री बने, लेकिन मेरा मानना है कि यह कांग्रेस की विचारधारा है जो देशहित में। देश को कांग्रेस की ज़रूरत है। उन्होंने (एनडीए) चुनावी बॉन्ड के ज़रिए पैसा इकट्ठा किया।
जयपुर, 14 नवंबर (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बिहार में विधानसभा चुनाव के परिणामों के रुझानों को निराशाजनक बताते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया कि वहां चुनाव प्रचार के दौरान मतदाताओं को नकदी और अन्य लाभ बांटे गए।
गहलोत ने दावा किया कि बिहार में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद पेंशन भुगतान और नकद हस्तांतरण बेरोकटोक जारी रहे। गहलोत ने यहां संवाददाताओं से कहा, "बिहार के परिणाम निराशाजनक हैं इसमें कोई दो राय नहीं... बिहार में (आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद) सब बंट रहे थे... पेंशन बंट रही थी... पैसा बंट रहा था, दस हजार रुपए बिहार जैसे प्रदेश में महिलाओं को मिल जाएं, तो आप सोच सकते हो क्या हो सकता है, एक तो वो फैक्टर भी था।'
उन्होंने कहा कि 2023 में राजस्थान में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान एक योजना के तहत मोबाइल फोन वितरण और पेंशन वितरण को चुनाव आचार संहिता लागू होते ही तुरंत रोक दिया गया था। गहलोत ने आरोप लगाया, ‘‘लेकिन बिहार में निर्वाचन आयोग मूकदर्शक बना रहा, उसने क्यों नहीं रोका, दस-दस हजार रुपए बंट रहे थे चुनाव चलते हुए तो आयोग को रोकना चाहिए था, रोका ही नहीं।'
गहलोत ने आयोग पर बिहार में सत्तारूढ़ दल के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया। गहलोत ने आरोप लगाया, "जब आप निष्पक्ष चुनाव नहीं कराते, जब बूथ कैप्चरिंग या बेईमानी होती है और आयोग कोई कार्रवाई नहीं करता, तो यह वोट चोरी है। आयोग की सत्तारूढ़ दल के साथ स्पष्ट मिलीभगत थी।"
उन्होंने दावा किया कि भाजपा ने धनबल इकट्ठा किया है जिससे लोकतंत्र को खतरा है। उन्होंने कहा कि देश को कांग्रेस और उसकी विचारधारा की जरूरत है। राजस्थान में अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव के परिणाम पर गहलोत ने कहा कि कांग्रेस उम्मीदवार जीत की ओर बढ़ रहे हैं।