पटनाः वक्फ संशोधन बिल पर जदयू के निर्णय के बाद बिहार की सियासत में मुस्लिम राजनीति काफी तेज हो गई है। जदयू में दो फाड़ वाली स्थिति बनी हुई है। एक ओर जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सहमति से जदयू ने इसका संसद के दोनों सदनों में समर्थन किया और विधेयक को पारित कराया तो दूसरी ओर अब जदयू के ही मुस्लिम समुदाय से आने वाले नेता ने कोर्ट में याचिका दायर की है। इसबीच वक्फ संशोधन बिल को लेकर मुस्लिम नेताओं की नाराज़गी की ख़बर के बीच जदयू डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। इसी कड़ी में मंगलवार को जदयू की तरफ से पार्टी ख़ालिद अनवर के आवास पर पटना में ईद मिलन समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें जदयू के तमाम मुस्लिम नेताओं का जमावड़ा लगा। इसके साथ ही कई मुस्लिम संगठनों के लोगों को भी निमंत्रण दिया गया था और उन्होंने भी इसमें शिरकत की।
खालिद अनवर ने कहा कि इस आयोजन के माध्यम से मुस्लिम समाज को यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि नीतीश कुमार उनके सच्चे हितैषी हैं। इस आयोजन में बड़े से ताजमहल का पोस्टर लगाया गया था, जिसके साथ नीतीश कुमार की तस्वीर भी लगाई गई थी ताकि इस पोस्टर के सहारे अल्पसंख्यकों को मोहब्बत का पैगाम दिया जाए।
खालिद अनवर ने कहा कि कि नीतीश कुमार जैसा सेक्युलर नेता इस देश में दूसरा कोई नहीं है और उनके रहते मुस्लिम समाज का कोई अहित नहीं कर सकता है। वहीं, जदयू ने यह तय किया है कि पटना से लेकर जिला तक जदयू के नेता और कार्यकर्ता बिहार की जनता खासकर मुस्लिम समाज को यह बताएंगे कि नीतीश कुमार ने मुस्लिम समाज के लिए क्या-क्या किया है?
इसबीच जदयू के नेता और अल्पसंख्यक आरक्षण मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हाजी मोहम्मद परवेज सिद्दीकी ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। सिद्दीकी ने पार्टी लाइन से अलग जाकर इस विधेयक का विरोध किया। उन्होंने कहा कि वे जदयू में रहकर ही इसके खिलाफ क़ानूनी लड़ाई लड़ेंगे।
वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को मुसलमानों के हकों के विरोध में बताते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कोर्ट मुसलमानों के हित में फैसला करेगी। उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक 2025 अल्पसंख्यकों की धार्मिक और सामाजिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप है।
बता दें कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 से मुस्लिम हितों की उपेक्षा होने का आरोप लगाते हुए जदयू से जुड़े कई मुस्लिम नेताओं ने पिछले कुछ दिनों इस्तीफा दिया है। पार्टी छोड़ने वाले नेताओं की संख्या 20 से ज्यादा है। हालांकि जदयू के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह पहले ही इस मुद्दे पर संसद में और बाहर भी कहा चुके हैं कि जदयू ने मुस्लिमों के हित में वक्फ विधेयक का समर्थन किया है।