कभी साइकिल की दुकान चलाते थे लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर और बीजेपी सांसद वीरेंद्र कुमार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 12, 2019 16:37 IST2019-06-12T16:35:52+5:302019-06-12T16:37:56+5:30
1996 में सागर से पहला लोकसभा चुनाव जीतने वाले वीरेंद्र कुमार बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े हुए हैं। अपनी सादगी के लिए मशहूर कुमार आपातकाल में 16 महीने जेल की सलाखों के पीछे भी रहे हैं।

1996 में सागर से पहला लोकसभा चुनाव जीतने वाले वीरेंद्र कुमार बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े हुए हैं।
बीजेपी सांसद वीरेंद्र कुमार होंगे 17वीं लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर होंगे। 17 और 18 जून को प्रोटेम स्पीकर के द्वारा नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाई जाएगी।
बता दें कि 65 वर्षीय वीरेंद्र कुमार मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ से लोकसभा सांसद हैं। इससे पहले वीरेंद्र कुमार ने चार लोकसभा चुनाव मध्य प्रदेश की सागर लोकसभा सीट से जीता है।
थावरचंद गहलोत, सत्यनारायण जाटिया और वीरेंद्र कुमार को बीजेपी के दिग्गज दलित नेताओं में शुमार किया जाता है। जहां वीरेंद्र कुमार कुमार को बीजेपी नीत एनडीए सरकार में प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है, वहीं थावरचंद गहलोत को राज्यसभा में सदन के नेता पद की जिम्मेदारी दी गई है।
पीएम मोदी के नेतृत्व वाली पहली सरकार में वह अल्पसंख्यक मंत्रालय एवं महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में राज्यमंत्री थे।
1996 में सागर से पहला लोकसभा चुनाव जीतने वाले वीरेंद्र कुमार बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े हुए हैं। अपनी सादगी के लिए मशहूर कुमार आपातकाल में 16 महीने जेल की सलाखों के पीछे भी रहे हैं। 1980 के दशक में आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी में सक्रिय कुमार साइकिल की दुकान चलाते थे। आज भी वह टीकमगढ़-सागर जिले में स्कूटर से घूमते हुए मिल जाते हैं।
लोकसभा चुनाव 2019 में वीरेंद्र कुमार को 6.72 लाख वोट मिले थे। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार किरन अहीरवार को मात दी जिन्हें 3.46 लाख वोट मिले।