पटनाः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता विजय कुमार सिन्हा ने बुधवार को नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। यह सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद आया है।"
बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दिया जिसको लेकर उन्होंने अपनी अनिच्छा जताई थी।" सिन्हा ने सदन के अध्यक्ष के रूप में इस्तीफा देते हुए कहा- कुर्सी 'पंच परमेश्वर' है। सभापीठ पर संदेह जताकर आप क्या संदेश देना चाहते हैं? लोग निर्णय लेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि "मैं आपको बताना चाहता हूं कि आपका अविश्वास प्रस्ताव (उनके खिलाफ - अध्यक्ष) अस्पष्ट है। नौ लोगों के जो पत्र मिले, उनमें से आठ नियम के मुताबिक नहीं थे। भाजपा नेता ने कहा कि "बहुमत के आगे झुकते हुए, मैं अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं।"
उन्होंने विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी के बजाय सदन की आगे की कार्रवाई वरिष्ठ सदस्य नरेंद्र नारायण यादव द्वारा संचालित किए जाने की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘बहुमत का सम्मान करते हुए मैं अपने पद से इस्तीफा देता हूं।’’ हजारी के बजाय नरेंद्र नारायण यादव द्वारा आगे की कार्रवाई संचालित किए जाने की घोषणा का विरोध करते हुए संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने अपनी सीट से उठकर कहा, ‘‘यह नियमों के खिलाफ है। अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष कार्यवाही का संचालन करते हैं।’’
वहीं, हंगामे के बीच वह जल्दबाजी में सदन से बाहर निकले और भगवा अंगोछा पहने भाजपा के विधायक भी ‘भारत माता की जय’ और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए उनके पीछे बाहर निकल आए।
इससे पहले, सिन्हा ने करीब 20 मिनट का भाषण दिया और दावा किया कि वह सरकार में अचानक बदलाव के बाद ‘‘स्वयं इस्तीफा देना चाहते थे’’, लेकिन जब उन्हें पता चला कि उनके खिलाफ एक अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है, तो उन्होंने ऐसा नहीं करने का फैसला किया। उन्होंने कहा, ‘‘प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देना मेरे लिए अनिवार्य हो गया था। प्रस्ताव पेश कर रहे कुछ सदस्यों ने आरोप लगाया कि मैं अलोकतांत्रिक और तानाशाही रहा हूं। मैं यह स्वीकार नहीं कर सकता।’’