Video: लॉकडाउन खत्म होने की उम्मीद में मुंबई के स्टेशन पर उमड़ा मजदूरों का सैलाब, पुलिस ने किया लाठीचार्ज, आदित्य ठाकरे का मोदी सरकार पर निशाना

By स्वाति सिंह | Updated: April 14, 2020 19:26 IST2020-04-14T18:38:41+5:302020-04-14T19:26:19+5:30

भारत में कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए लॉकडाउन को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है। इस बीच, मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर प्रवासी मजदूरों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई।

Video: Video: migrant labourers gathered in Bandra,hope of ending the lockdown police lathi-charged, Aditya Thackeray's mark on Modi government | Video: लॉकडाउन खत्म होने की उम्मीद में मुंबई के स्टेशन पर उमड़ा मजदूरों का सैलाब, पुलिस ने किया लाठीचार्ज, आदित्य ठाकरे का मोदी सरकार पर निशाना

प्रवासी मजदूर घर जाने के लिए स्टेशन पर पहुंच गए।

Highlightsबांद्रा रेलवे स्टेशन पर मंगलवार को प्रवासी मजदूरों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। मजदूरों को आज लॉकडाउन ख़त्म होने की उम्मीद थी।

महाराष्ट्र में मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर मंगलवार को प्रवासी मजदूरों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। ये प्रवासी मजदूर घर जाने के लिए स्टेशन पर पहुंच गए। दरअसल, मजदूरों को आज लॉकडाउन ख़त्म होने की उम्मीद थी। जिसके चलते वह स्टेशन पर इक्कठा हो गए। यहां से उन्हें हटाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज का किया। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषणा करने के कुछ ही घंटे बाद बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर यहां मंगलवार को सड़क पर आ गए और मांग की कि उन्हें उनके मूल स्थानों को जाने के लिए परिवहन की व्यवस्था की जाए। ये सभी प्रवासी मजदूर दिहाड़ी मजदूर हैं। कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए पिछले महीने लॉकडाउन लागू होने के बाद से दिहाड़ी मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। इससे उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हालाँकि अधिकारियों और गैर-सरकारी संगठनों ने उनके भोजन की व्यवस्था की है, लेकिन उनमें से अधिकतर पाबंदियों के चलते हो रही दिक्कतों के चलते अपने मूल स्थानों को वापस जाना चाहते हैं।

पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार करीब 1000 दिहाड़ी मजदूर अपराह्न करीब तीन बजे रेलवे स्टेशन के पास मुंबई उपनगरीय क्षेत्र बांद्रा (पश्चिम) बस डिपो पर एकत्रित हो गए और सड़क पर बैठ गए। दिहाड़ी मजदूर पास के पटेल नगरी इलाके में झुग्गी बस्तियों में किराए पर रहते हैं, वे परिवहन सुविधा की व्यवस्था की मांग कर रहे हैं ताकि वे अपने मूल नगरों और गांवों को वापस जा सकें। वे मूल रूप से पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के रहने वाले हैं। एक मजदूर ने अपना नाम बताये बिना कहा कि एनजीओ और स्थानीय निवासी प्रवासी मजदूरों को भोजन मुहैया करा रहे हैं लेकिन वे लॉकडाउन के दौरान अपने मूल राज्यों को वापस जाना चाहते हैं क्योंकि बंद से उनकी आजीविका बुरी तरह से प्रभावित हुई है।

उसने कहा, ‘‘अब, हम भोजन नहीं चाहते हैं, हम अपने मूल स्थान वापस जाना चाहते हैं, हम (लॉकडाउन बढ़ाने की) घोषणा से खुश नहीं हैं।’’ पश्चिम बंगाल के मालदा के रहने वाले असदुल्लाह शेख ने कहा, ‘‘हमने लॉकडाउन के पहले चरण में अपनी बचत पहले ही खर्च कर दी है। अब हमारे पास खाने को कुछ नहीं है, हम केवल अपने मूल स्थान वापस जाना चाहते हैं, सरकार को हमारे लिए व्यवस्था करनी चाहिए।’’ एक अन्य मजदूर, अब्दुल कय्युन ने कहा, ‘‘मैं पिछले कई वर्षों से मुंबई में हूं, लेकिन ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी। सरकार को हमें यहां से हमारे मूल स्थान पर भेजने के लिए ट्रेनें शुरू करनी चाहिए।’’ अधिकारी ने कहा कि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए विरोध स्थल पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। अन्य पुलिस थानों से कर्मियों को बुलाया गया है।

आदित्य ठाकरे मोदी सरकार पर निशाना 

वहीं, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने ट्वीट किया, 'बांद्रा स्टेशन पर वर्तमान स्थिति, मजदूरों को हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि सूरत में हाल में कुछ मजदूरों ने दंगा किया था। केंद्र सरकार उन्हें घर पहुंचाने को लेकर फैसला नहीं ले पाई।आदित्य ठाकरे ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है। प्रवासी मजदूर खाना और शेल्टर नहीं चाहते हैं, वे घर जाना चाहते हैं।

बता दें कि महाराष्ट्र में कोविड-19 के 121 नए मामले सामने आने के बाद राज्य में इससे संक्रमित लोगों की संख्या मंगलवार को 2,455 हो गई। स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि 121 नए मामलों में 92 मुम्बई और 13 नवी मुम्बई, 10 ठाणे, पांच वसई-विरार (पालघर जिला) और एक रायगड का है। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से अभी तक 160 लोगों की जान जा चुकी है।

लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ाने का प्रधानमंत्री मोदी का ऐलान

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिये लागू देशव्यापी लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने की मंगलवार को घोषणा की, साथ ही प्रस्ताव किया कि जो क्षेत्र हॉटस्पाट में नहीं होंगे और जिनके हॉटस्पाट में बदलने की आशंका भी कम होगी, वहां 20 अप्रैल से कुछ छूट दी जा सकती है । प्रधानमंत्री ने करीब 25 मिनट के राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि दूसरे चरण में लॉकडाउन का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जायेगा । और बुधवार को इस संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह नये क्षेत्रों में न फैले ।

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