वीडियो: डीयू में सावरकर की मूर्ति पर NSUI ने कालिख पोत पहनाई जूतों की माला, एबीवीपी ने रातोरात लगाई थी प्रतिमा
By स्वाति सिंह | Published: August 22, 2019 01:03 PM2019-08-22T13:03:30+5:302019-08-22T13:05:31+5:30
दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ (डूसू) का चुनाव 12 सितंबर को होना है। इसे पहले यहां की छात्र राजनीति तेज हो गई है। बुधवार देर रात एबीवीपी ने बिना अनुमति के सावरकर की मूर्ति स्थपित की। इसके बाद गुरुवार को एनएसयूआई ने सावरकर की मूर्ति को जूतों की माला पहना चेहरे को कालिख पोत दिया
दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस में मंगलवार रात विनायक दामोदर सावरकर की मूर्ति स्थापित की गई। लेकिन इसके लगते ही विवाद शुरू हो गया है। बुधवार रात नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ़ इंडिया (एनएसयूआई) के दिल्ली अध्यक्ष अक्षय लाकड़ा ने सावरकर की मूर्ति को जूतों की माला पहना चेहरे को कालिख से पोत दी।
इसके बाद वहां एनएसयूआई के नेता ने भगत सिंह जिंदाबाद के नारे लगाए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
बताया जा रहा है कि एबीवीपी ने प्रशासन से अनुमति लिए रातोंरात इस मूर्ति को स्थापित किया था। वहीं इस पर डूसू अध्यक्ष शक्ति सिंह का कहना है कि मूर्ति लगाने के लिए डीयू प्रशासन से कई बार मांग की थी, लेकिन अनसुनी कर दी गई। इससे पहले डूसू नॉर्थ कैंपस का नाम वीर सावरकर के नाम पर रखे जाने की मांग हुई। डूसू पर एबीवीपी का कब्जा है। अभी हाल में शक्ति सिंह ने नॉर्थ कैंपस का नाम स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के नाम पर करने की मांग उठाई थी। इसके कुछ ही दिन बाद नॉर्थ कैंपस के गेट पर वीर सावरकर के साथ भगत सिंह और बोस की प्रतिमा लगाई गई है।
#NSUI leaders allegedly put shoe garland around Savarkar statue last night. #ABVP leader had installed this pillar with busts of Savarkar, Bhagat Singh and Subhash Chandra Bose in #DelhiUniversity's North Campus. Reports @katyaupretipic.twitter.com/ulvX3qKB7M
— NBT Dilli (@NBTDilli) August 22, 2019
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक डूसू अध्यक्ष शक्ति सिंह ने बुधवार को कहा 'कैंपस में एक तहखाना है जहाँ परीक्षण के दौरान भगत सिंह को रखा गया था। हमने मांग की थी कि या तो भगत सिंह की प्रतिमा लगाई जाए या तहखाने को सार्वजनिक किया जाए। लेकिन डीयू ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इसलिए हमारे पास ऐसा करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था।'
शक्ति ने कहा 'सावरकर, भगत सिंह और सुभाष चंद्र बोस का स्वतंत्रता संग्राम में बड़ा योगदान था।'