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वीडियोः मंत्रोच्चारण, आर्मी बैंड की मधुर धुनों और भक्तों द्वारा लगाए जयकारों के बीच खुला बदरीनाथ धाम का कपाट, देश और विदेश से हजारों श्रद्धालु पहुंचे

By अनिल शर्मा | Updated: April 27, 2023 08:09 IST

भगवान विष्णु को समर्पित बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को देखने के लिए देश और विदेश से हजारों श्रद्धालु पहुंचे।

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ठळक मुद्देजय बद्री विशाल के नारों के बीच गुरुवार सुबह 7.10 बजे श्रद्धालुओं के लिए कपाट खोल दिए गए।कपाट खुलने के अवसर पर मंदिर और उसके परिसर को 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। 

बदरीनाथः उत्तराखंड में बदरीनाथ धाम के कपाट वैदिक मंत्रोच्चार और पारंपरिक रीति-रिवाजों  और आर्मी बैंड की मधुर धुनों और भक्तों द्वारा जय बद्री विशाल के नारों के बीच गुरुवार सुबह 7.10 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। भगवान विष्णु को समर्पित बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को देखने के लिए देश और विदेश से हजारों श्रद्धालु पहुंचे।

इस अवसर पर मंदिर के मुख्य पुजारी धार्मिक अनुष्ठान किया, जबकि वेदपाठियों (वेदों का पाठ करने वाले) ने वैदिक मंत्रों का उच्चारण किया। वहीं आर्मी बैंड ने ऐ मालिक देरे बंदे हम की मधुर धुन बजाए। कपाट खुलने के अवसर पर मंदिर और उसके परिसर को 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। 

बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा पूरी तरह से शुरू

बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा पूरी तरह से शुरू हो गई है, क्योंकि इसके चारों मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। इससे पहले, 22 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के कपाट खोले गए थे, जबकि 25 अप्रैल को केदारनाथ मंदिर के कपाट खुले थे। पिछली बार बदरीनाथ के कपाट 8 मई को खोले गए थे। केदारनाथ का कपाट खुलने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंदिर में पूजा-अर्चना की थी।

बदरीनाथ में प्रवेश और बाहर जाने के लिए अलग-अलग व्यवस्था

इस बार बदरीनाथ नाथ मंदिर में प्रवेश करने और बाहर जाने के लिए अलग—अलग व्यवस्था की गई है। ऐसा भक्तों की भीड़ को देखते हुए किया गया है। इसके अलावा टोकन काउंटर, क्यू मैनेजमेंट सिस्टम, प्रतीक्षालय, जूता स्टैंड तथा मंदिर परिसर तक जाने वाले आतंरिक मार्गों को दुरुस्त किया गया है तथा मार्ग के किनारे रेलिंग व साइनेज लगाए गए हैं। 

चार धाम यात्रा के लिए स्थानीय लोगों के पंजीकरण की अनिवार्यता खत्म

नए निर्देश के मुताबिक, चारों धामों के दर्शन के लिए जाने वाले स्थानीय लोगों के पंजीकरण की अनिवार्यता समाप्त की जाए। धामों के तीर्थ-पुरोहित पिछले काफी समय से चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं खासतौर से स्थानीय तीर्थयात्रियों के पंजीकरण को समाप्त करने की मांग कर रहे थे।

 उत्तराखंड में इस बार चार धाम यात्रा का संचालन ऋषिकेश में दो जबकि हरिद्वार में एक जगह से किया जा रहा है तथा श्रद्धालुओं के लिए हिमालयी धामों के दर्शन के लिए 1300—1700 बसों का बेड़े की व्यवस्था की गई है। इनका संचालन तीन जगहों...ऋषिकेश में अंतरराज्यीय बस ट्रमिनस तथा एआरटीओ कार्यालय और हरिद्वार में पंत द्वीप... से किया जा रहा है। चारधाम तथा श्री हेमकुंठ साहिब की यात्रा के लिए करीब 1300 बसों का विशाल बेड़ा उपलब्ध रहेगा और यदि हरिद्वार की बसें भी इसमें शामिल होती हैं तो यह संख्या 1700 के करीब पहुंच जाएगी।

टॅग्स :बद्रीनाथ मन्दिरChar Dham Yatraउत्तराखण्ड
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