नई दिल्लीः बीजू जनता दल (बीजद) के अध्यक्ष नवीन पटनायक के दिल्ली पहुंचते ही खेला हो गया। बीजद सांसद सस्मित पात्रा ने कहा कि बीजू जनता दल ने कल होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहने का फैसला किया है। बीजू जनता दल एनडीए और भारत, दोनों गठबंधनों से समान दूरी बनाए रखेगा। हमारा ध्यान ओडिशा और ओडिशा के 4.5 करोड़ लोगों के विकास और कल्याण पर केंद्रित है। नौ सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में बीजू जनता दल (बीजद) के संभावित रुख पर फैसला आ गया है। पार्टी अध्यक्ष और ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के नेता नवीन पटनायक रविवार को नई दिल्ली के चार दिवसीय दौरे पर हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले बीजद सांसदों से मुलाकात किए और रुख को स्पस्ट किया। राज्य सभा में बीजद के सात सदस्य हैं।
ओडिशा से 31 सांसद (लोकसभा में 21 और राज्यसभा में 10) हैं जिनमें भाजपा के सबसे अधिक 23 सदस्य हैं। सूत्रों के अनुसार, उपराष्ट्रपति चुनाव के अलावा, माझी अपने मंत्रिपरिषद के विस्तार पर भी भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ चर्चा कर सकते हैं। ओडिशा की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजू जनता दल (बीजद) ने सोमवार को घोषणा की कि उसके सांसद उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान से दूर रहेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता वाली पार्टी ने कहा कि उसने राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा-नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और कांग्रेस-नीत ‘इंडिया’ गठबंधन दोनों से “समान दूरी बनाए रखने” की अपनी नीति के तहत यह निर्णय लिया है।
बीजद सांसद सस्मित पात्रा ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक ने फैसला किया है कि पार्टी के सांसद उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान से दूर रहेंगे। उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) के सदस्यों और सांसदों से परामर्श के बाद यह फैसला लिया।’’
पात्रा ने कहा कि बीजद, राजग और ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) दोनों से समान दूरी बनाए रखता है। पात्रा ने कहा, ‘‘हमारा पूरा ध्यान राज्य और उसके 4.5 करोड़ लोगों के विकास पर है।’’ उपराष्ट्रपति चुनाव मंगलवार को होंगे।
उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान से दूर रहेगी बीआरएस
भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामा राव ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी राज्य में यूरिया की कमी को लेकर तेलंगाना के किसानों की “पीड़ा” को व्यक्त करने के लिए नौ सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही (यूरिया की) कमी के मुद्दे को सुलझाने में “विफल” रही हैं।
बीआरएस नेता ने कहा कि यूरिया की कमी इतनी अधिक है कि यूरिया के लिए कतारों में इंतजार करते समय किसानों के बीच झड़पें हो रही हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम मतदान से दूर रहेंगे। हम इसमें भाग नहीं लेंगे।” उन्होंने कहा कि यदि उपराष्ट्रपति चुनाव में नोटा का विकल्प उपलब्ध होता तो बीआरएस इसका प्रयोग कर सकती थी।