Uttarkashi tunnel rescue: उत्तरकाशी के टनल में फंसे 41 मजदूरों के लिए राहत भरी एक खबर आई है। बीते दीपावली से वह अपने परिजनों से बात नहीं कर पाए हैं। लेकिन अब वह अपने परिवार से बात कर सकेंगे और उनका हालचाल पूछने के साथ अपने हाल के बारे में भी जानकारी दे सकेंगे।
दरअसल, पुष्कर सिंह धामी की भाजपा सरकार टनल के पास लैंडलाइन की सुविधा मुहैया कराने जा रही है। इसके लिए तार बिछाने का काम किया जा रहा है। बीएसएनएल के कर्मचारी कुंदन ने कहा सरकार के निर्देश पर यहां एक लैंडलाइन सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इसके लिए तार बिछाने का प्रयास किया जा रहा है। अंदर फंसे मजदूरों को लैंडलाइन (फोन) भेज दिया जाएगा ताकि वे अपने परिवार के सदस्यों से बात कर सकें।
बीएसएनएल के डीजीएम राकेश चौधरी ने बताया कि हम टेलिफोन को पाइप के माध्यम से सुरंग में भेजने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस फोन के माध्यम से सुरंग के अंदर फंसे मजदूर अपने परिजन से बात कर सकेंगे।
अभी सफलता के लिए करना होगा इंतजार
उत्तरकाशी के टनल में फंसे मजदूरों की सलामती के लिए देश भर में प्रार्थनाएं हो रही हैं। हालांकि, मौके पर एसडीआरएफ के साथ एनडीआरएफ की टीम मौजूद हैं। सभी की ओर से प्रयास किया जा रहा है कि कैसे भी मजदूरों तक पहुंचा जाए और उन्हें बाहार निकाला जाए। लेकिन 25 नवंबर तक भी सफलता हाथ नहीं लग पाई है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (सेवानिवृत्त) ने कहा हमें थोड़ा धैर्य रखना पड़ेगा। काम करने वालों पर किसी प्रकार का दवाब नहीं डालना है। याद रखना है कि जहां भी काम हो रहा है वे खतरनाक है।