Uttarkashi tunnel rescue: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज उत्तरकाशी सुरंग बचाव में शामिल रैट माइनर्स से मुलाकात की। ये माइनर दिल्ली जल बोर्ड के लिए काम करते हैं। इस दौरान दिल्ली की मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज भी मौजूद रहे।
दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा कि जिन लोगों को आप यहां देख रहे हैं, वे सालों से दिल्ली जल बोर्ड की टीम से जुड़े हैं और मैन्युअल खुदाई करते हैं। इन लोगों ने अपनी मशीनरी और मेहनत के साथ, सिल्कयारा सुरंग में फंसे हुए 41 श्रमिकों तक बोरिंग करके पाइप पहुंचाया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज पूरी टीम को सम्मानित किया।
उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान में शामिल टीम के सदस्य विपीन ने कहा कि हमें देश की सेवा करने का जो सौभाग्य मिला वह अतुल्य है और सर्वोपरी है। हमारी जगह यदि किसी और को भी ये सौभाग्य मिलता तो वो भी इस काम में इतना ही खरा उतरता... इसमें केवल हमारा ही योगदान नहीं है बल्कि देश की कई एजेंसियों का भी योगदान है।
उत्तराखंड में सुरंग का एक हिस्सा ढहने से मजदूर उसमें फंस गए। 17 दिनों तक कई एजेंसियों की मदद से चलाए गए बचाव अभियान के बाद मंगलवार को उन्हें बचाया गया। मलबे को साफ करते समय एक अमेरिकी ऑगर मशीन के सामने बाधा आने के बाद 'ड्रिलिंग' करने के लिए ‘रैट-होल’ खनन विशेषज्ञों के 12 सदस्यीय दल को बुलाया गया था।
अधिकारियों के मुताबिक, उनमें से कुछ दिल्ली जल बोर्ड के लिए सीवर लाइनें और पाइपलाइन बिछाने में शामिल हैं। उन्होंने बताया, “केजरीवाल ने दिल्ली के खनिकों से मुलाकात की। बैठक के दौरान जल मंत्री आतिशी और शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज भी मौजूद रहे। खनिक बृहस्पतिवार को उत्तराखंड से लौटे।”
रैट-होल खनन में श्रमिकों के प्रवेश और कोयला निकालने के लिए आमतौर पर 3-4 फीट गहरी संकीर्ण सुरंगों की खुदाई की जाती है। क्षैतिज सुरंगों को अक्सर “चूहे का बिल” (रैट होल) कहा जाता है, क्योंकि प्रत्येक सुरंग लगभग एक व्यक्ति के प्रवेश के लिए ही उपयुक्त होती है।
उत्तराखंड की सिलक्यारा सुंरग में बचाव अभियान के तहत क्षैतिज खनन के लिए ‘ट्रेंचलेस इंजीनियरिंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड’ और ‘नवयुग इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड’ द्वारा 12 (रैट होल) विशेषज्ञों को बुलाया गया था।