उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सिविल जज को अवमानना नोटिस जारी किया
By भाषा | Updated: July 29, 2021 00:11 IST2021-07-29T00:11:44+5:302021-07-29T00:11:44+5:30

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सिविल जज को अवमानना नोटिस जारी किया
नैनीताल, 28 जुलाई उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बुधवार को अपनी लैंगिक पहचान उजागर नहीं करने वाले मुबंई के एक दुष्कर्म पीड़ित को महिला माने जाने संबंधी उसके निर्देश का पालन नहीं करने वाले एक सिविल जज को अवमानना नोटिस जारी किया।
मुंबई निवासी दुष्कर्म पीड़ित की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने पौड़ी गढ़वाल के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव और सीनियर डिवीजन के सिविल जज संदीप कुमार तिवारी को अवमानना नोटिस जारी किया। सिविल जज को अपना जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है।
इससे पहले, पीड़ित ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी जिसकी सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता को महिला मानने का निर्देश जारी किया गया था। बाद में पीड़ित ने एक अवमानना याचिका दायर करते हुए आरोप लगाया कि उक्त जज ने इस संबंध में उच्च न्यायालय के निर्देश को मानने से इनकार कर दिया।
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