उत्तराखंड: भाजपा कोर ग्रुप की अचानक हुई बैठक से प्रदेश में बढ़ी सियासी सरगर्मी

By भाषा | Published: March 8, 2021 12:05 AM2021-03-08T00:05:06+5:302021-03-08T00:05:06+5:30

Uttarakhand: A sudden meeting of BJP core group increased political stir in the state | उत्तराखंड: भाजपा कोर ग्रुप की अचानक हुई बैठक से प्रदेश में बढ़ी सियासी सरगर्मी

उत्तराखंड: भाजपा कोर ग्रुप की अचानक हुई बैठक से प्रदेश में बढ़ी सियासी सरगर्मी

देहरादून/नयी दिल्ली, सात मार्च उत्तराखंड भाजपा की कोर ग्रुप की अचानक हुई बैठक और उसमें केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में पार्टी उपाध्यक्ष और महासचिव व राज्य प्रभारी दुष्यंत गौतम की उपस्थिति ने राज्य सरकार में कुछ बड़े परिवर्तन की अटकलों को हवा दे कर प्रदेश का सियासी पारा बढ़ा दिया है।

अलग-अलग हुई बैठकों के बाद दोनों केंद्रीय नेता दिल्ली लौट गए।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी के नेता रमन सिंह और दुष्यंत गौतम विधायकों व सांसदों से हुई बातचीत के बारे में भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।

प्रदेश इकाई की कोर ग्रुप की यह बैठक पहले से प्रस्तावित नहीं थी और यह ऐसे समय बुलाई गई जब प्रदेश की नई ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में राज्य विधानसभा का महत्वपूर्ण बजट सत्र चल रहा था।

बैठक की सूचना मिलने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को गैरसैंण से तुरंत देहरादून वापस आना पड़ा। आनन—फानन में बजट पारित करा कर सत्र भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया और भाजपा विधायकों को भी गैरसैंण से तत्काल देहरादून बुला लिया गया।

दो घंटे से भी ज्यादा समय तक चली कोर ग्रुप की बैठक में राज्य सभा सदस्य नरेश बंसल, टिहरी से लोकसभा सदस्य माला राज्यलक्ष्मी शाह, पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, नैनीताल से लोकसभा सदस्य अजय भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक सहित पार्टी के प्रदेश संगठन के भी अहम नेता मौजूद रहे।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि रमन सिंह ने कोर ग्रुप की बैठक में मौजूद हर सदस्य से अलग—अलग बातचीत की। बाद में रमन सिंह मुख्यमंत्री के सरकारी आवास में भी गए जहां पार्टी के करीब 40 विधायक मौजूद थे। कोर ग्रुप की बैठक के बाद सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालय भी गए।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को भी कोर ग्रुप की बैठक में शरीक होना था, लेकिन किसी कारणवश वह नहीं पहुंच पाए। हालांकि, रमन सिंह के दिल्ली लौटने से पहले यहां जौलीग्रांट हवाई अडडे पर निशंक ने उनसे मुलाकात की।

इतनी तेजी से हुए घटनाक्रम ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तेज कर दी हैं। ऐसी सुगबुगाहट है कि केंद्रीय नेतृत्व रावत के विकल्पों पर विचार कर रहा है।

एक विधायक ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा कि केंद्रीय पर्यवेक्षको ने उनसे रावत के विकल्प के बारे में भी पूछा।

प्रदेश भाजपा के सूत्रों ने बताया कि रावत की कार्यप्रणली और शासन में उनकी बात ना सुने जाने की केंद्रीय नेतृत्व से शिकायत की गई थी। पर्यवेक्षकों ने इस पर भी विधायकों से रायशुमारी की है।

दिल्ली में पार्टी के सूत्रों ने बताया कि चूंकि पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं, ऐसे में पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व इस पर भी विचार करेगा कि उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन से दन चुनावों पर किस तरह का असर पड़ेगा।

सूत्रों ने ये भी कहा कि 10 मार्च को रावत से जुड़े एक कथित भ्रष्टाचार के मामले में उच्चतम न्यायालय में सुनवाई होनी है।

इस बीच, भाजपा महासचिव गौतम ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की खबरों को अटकलें और ‘‘अनावश्यक’’ बताते हुए खारिज कर दिया और बताया कि रमन सिंह के साथ उनका उत्तराखंड दौरा सरकार के चार साल पूरा होने के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा तय करने को लेकर था।

उन्होंने बताया कि चूंकि राज्य में अगले साल विधानसभा होने हैं, इसलिए राज्य के नेताओं से इस संदर्भ में भी चर्चा की गई।

नेतृत्व परिवर्तन संबंधी खबरों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘यह अनावश्यक अटकलबाजी है।’’

अचानक केंद्रीय पर्यवेक्षकों के देहरादून पहुंचने और विधायकों से रायशुमारी किए जाने के संबंध में पूछे जाने पर बंशीधर भगत ने कहा, ‘‘18 मार्च को प्रदेश सरकार के चार साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 70 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले कार्यक्रमों के बारे में चर्चा करने के लिए यह बैठक बुलाई गई थी।’’

उन्होंने कहा कि प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की कोई संभावना नहीं है और पार्टी विधायकों में कहीं कोई मनमुटाव नहीं है।

इस बीच, मुख्यमंत्री ने रविवार को गैरसैंण पार्टी के समस्त जिलाध्यक्षों के साथ बैठक की और 18 मार्च को आयोजित होने वाले सरकार के चार साल ‘बातें कम-काम ज्यादा’ कार्यक्रम को सफल बनाने को लेकर विचार-विमर्श किया।

रावत उत्तराखंड के नौवें मुख्यमंत्री हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली भारी सफलता के बाद पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य की कमान रावत को सौंपने का फैसला किया था।

वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की 75 में से 57 सीटों पर अपना कब्जा जमाया था। रावत राज्य में भाजपा के पांचवें मुख्यमंत्री हैं।

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Web Title: Uttarakhand: A sudden meeting of BJP core group increased political stir in the state

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