पत्नी ज्योति मौर्या एसडीएम, पति आलोक मौर्या चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, पति ने मांगा गुजारा भत्ता, हाई कोर्ट ने एसडीएम को किया तलब
By राजेंद्र कुमार | Updated: July 13, 2025 18:51 IST2025-07-13T18:50:28+5:302025-07-13T18:51:12+5:30
प्रकरणों के बीच में एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने अपनी एसडीएम पत्नी से गुजारा भत्ता पाने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की है.

file photo
लखनऊः उत्तर प्रदेश की नौकरशाही वर्तमान में तमाम तरह के विवादों में घिरी है. प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री अपने विभागीय अफसरों पर फाइल ना दिखाए जाने का आरोप लगा रहे हैं. तो सत्ता पक्ष के सांसद और विधायक भी नौकरशाहों पर मनमानी कराने का आरोप लगा रहे हैं. इन लोगों का कहना है कि अधिकारी उनके प्रार्थना पत्रों पर कार्रवाई नहीं करते. उनके फोन तक नहीं उठाते. ऐसे प्रकरणों के बीच में एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने अपनी एसडीएम पत्नी से गुजारा भत्ता पाने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. इस याचिका के आधार पर हाईकोर्ट ने एसडीएम को नोटिस जारी किया है. अब इस मामले की सुनवाई आठ अगस्त को होगी. फिलहाल एसडीएम इस मामले में मीडिया से कुछ भी कहने से माना कर दिया है. कहना है, वह हाईकोर्ट के नोटिस का जवाब अपने वकील के जरिए जल्दी ही देंगी.
ऐसे शुरू हुआ विवाद
सूबे की जिस एसडीएम और उसके पति का यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा है, उनके बीच में बीते दो वर्षों से विवाद चल रहा है. इसकी शुरुआत तब हुई जब दो साल पहले एसडीएम ज्योति मौर्या बरेली में तैनात थी. तब उनके पति जो आलोक मौर्या जो पंचायत विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर कार्यरत हैं ने कई गंभीर आरोप लगाए.
आलोक मौर्या ने अपनी पत्नी ज्योति पर होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे से अवैध संबंध होने और भ्रष्टाचार में लिप्त होने का भी आरोप लगाया. तो यह मामला तूल पकड़ा और सरकार ने इस मामले में जांच भी कराई. तो पता चला कि ज्योति और आलोक की शादी साल 2010 में हुई थी. इस शादी के लिए आलोक के परिवारवार वालों ने यह कहा था कि उनका लड़का सरकारी दफ्तर में अधिकारी है,
जबकि वह पंचायत विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर कार्यरत था. शादी के बाद आलोक के परिवार वालों के इस झूठ का खुलासा हुआ तो थोड़ी अनबन के बाद दोनो के बीच रिश्ते सामान्य हो गए. इसके बाद ज्योति ने भी सरकारी नौकरी पाने के लिए अपने पति के सहयोग से पढ़ाई की. वर्ष 2015 में ज्योति मौर्या का चयन पीसीएस अधिकारी के रूप में हो गया.
करीब पांच वर्षो आलोक और ज्योति के रिश्तों में कोई विवाद नहीं हुआ. फिर जब ज्योति वर्ष 2020 में बरेली जैसे बड़े शहर में एसडीएम बनकर गई तो दोनों के बीच फिर से अनबन शुरू हो गई. इस जिले में होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे से ज्योति मौर्या की दोस्ती पर आलोक मौर्या ने आपत्ति की और आरोप लगाया कि कमांडेंट मनीष दुबे से ज्योति के अवैध संबंध है.
इस ओझे आरोप से तिलमिला कर ज्योति मौर्या ने अपने पति से दूरी बना ली. तो उनके पति ने आलोक मौर्या ने ज्योति वर्मा पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया और सरकार से इस मामले की जांच कराए जाने का आग्रह किया. आलोक के ऐसे आरोप के चलते यह मामला मीडिया में सुर्खी पाने लगा तो सरकार ने इस मामले की जांच कराई और ज्योति मौर्य का तबादला बरेली से कर दिया.
हाईकोर्ट में वकील रखेगा पक्ष
सरकार की इस कार्रवाई के बाद ज्योति मौर्या और उसके पति आलोक मौर्या रिश्तों में दरार पड़ गई. ज्योति मौर्या ने अपने पति को दी जाने वाली राशि बंद करा दी और कहा कि वह ऐसे व्यक्ति के साथ एक पल भी नहीं रहना चाहेंगी जो उनके चरित्र पर सवाल उठाए. भद्दे आरोप लगाए. ज्योति मौर्या के इस रुख के बाद आलोक मौर्या ने पारिवारिक न्यायालय में ज्योति से गुजारा भत्ता दिलाए जाने की मांग की थी.
परंतु वहां से आलोक को राहत नहीं मिली तो अब उसने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. इसके पहले आलोक और उसके परिवार ने ज्योति पर दबाव बनाने का भी प्रयास किया. तो ज्योति मौर्या ने पति आलोक कुमार मौर्या और उनके परिवार के लोगों पर दहेज उत्पीड़न का धूमनगंज थाने में केस दर्ज करा दिया.
दोनों के बीच चल रहे इस विवाद के बीच अब हाईकोर्ट ने इस मामले में ज्योति मौर्या को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इस मामले में जब ज्योति मौर्या से संपर्क किया गया तो उन्होने कुछ भी कहने से मना करा दिया. ज्योति मौर्या वर्तमान में लखनऊ मुख्यालय से संबद्ध हैं. अब उनका वकील इस मामले में हाईकोर्ट में उनका पक्ष रखेगा.