लखनऊः उत्तर प्रदेश में अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले पंचायत चुनावों को लेकर पंचायत चुनावों की मतदाता सूची में वोटरों के सत्यापन का अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से मतदाता सूची में एक से नाम वाले यानी डुप्लीकेट मतदाता चिह्नित किए जा रहे हैं. इन मतदाताओं के बारे में बीएलओ को घर-घर पता लगाएंगे. फिर जिन मतदाताओं के नाम एक से अधिक ग्राम पंचायतों में होंगे उसे सूची से हटाया जाएगा. डुप्लीकेट मतदाताओं के सत्यापन का काम 29 सितंबर तक पूरा कर डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से काटें जाएंगे. राज्य में यह कवायद पंचायत चुनावों की मतदाता सूची में लाखों मतदाताओं के नाम दो से अधिक जगह पाए जाने पर शुरू की गई है.
डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जाएंगे
राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के अनुसार, वर्ष 2021 में जब प्रदेश में 58,199 ग्राम पंचायत में पंचायत चुनाव हुए थे, तब 12 करोड़ 39 लाख मतदाता थे. इन मतदाताओं ने तब अपनी पसंद के प्रतिनिधि चुने थे. बीते पांच वर्षों के दौरान हुए तमाम बदलावों को देखते हुए पंचायत चुनावों की मतदाता सूची को अपडेट करने के लिए आयोग ने एआई सॉफ्टवेयर के माध्यम से मतदाता सूचियों की जांच कराई गई तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. आयोग को पता चला की बड़ी संख्या में एक ही नाम वाले मतदाता अलग-अलग ग्राम पंचायतों की सूची में शामिल है.
ऐसे नामों को चिन्हित कर आयोग ने इन मतदाताओं के बारे में बीएलओ को घर-घर भेज कर उनका भौतिक सत्यापन कराने का फैसला किया. इस फैसले के तहत ही आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बीएलओ को घर-घर भेजकर इन चिह्नित मतदाताओं का भौतिक सत्यापन कराएं.
आयोग के इस निर्देश के तहत अब बीएलओ गांव-गांव जाकर डुप्लीकेट मतदाताओं के आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज़ देखकर उनका सत्यापन कर रहे हैं. इस सत्यापन के दौरान एक क्षेत्र का बीएलओ, सुपरवाइजर और एसडीएम दूसरे क्षेत्र के अपने समकक्षों से राय ले रहे हैं. राज्य निर्वाचन आयोग अभी ग्रामीण क्षेत्रों में ही डुप्लीकेसी वाले नामों पर काम कर रहा है. अब जिन मतदाताओं के नाम एक से अधिक ग्राम पंचायतों में पाए जाएंगे उन्हें सूची से हटाया जाएगा.
ऐसे पता चला डुप्लीकेट मतदाताओं
राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, आयोग ने द्वारा एआई सॉफ्टवेयर के माध्यम से पंचायत चुनाव की मतदाता सूचियों की जांच कराए जाने से यह पता चला कि ग्राम पंचायत चुनावों की मतदाता सूची में एक ही व्यक्ति का सरनेम पहले तो कहीं बाद में अलग अलग ग्राम पंचायतों में दर्ज है. इसी तरह से कई ग्राम पंचायतों में एक ही व्यक्ति की उम्र और लिंग अलग दर्ज लिखा हुआ पाया गया है.
एआई ने ऐसे अलग-अलग मतदाता सूचियों में शामिल व्यक्ति और उसके पिता के नाम के 80 प्रतिशत तक हिस्से का मिलान करते हुए अपनी रिपोर्ट दी है. तो यह पता चला कि बड़ी संख्या में पंचायत चुनावों की मतदाता सूची में एक ही नाम के कई मतदाताओं के नाम दर्ज है. इनमें से कितने मतदाता जीवित है और कितनों की मर चुके हैं? यह अभी पता नहीं है.
इसका भी सत्यापन बीएलओ की मौके पर जाकर की गई जांच से होगा. फिलहाल आयोग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों को अभियान चलाकर डुप्लीकेट नाम हटाने के निर्देश दिए हैं. अभी आयोग यह नहीं बता रहा है कि पंचायत चुनावों की मतदाता सूची में कुछ कितने डुप्लीकेट मतदाताओं की जानकारी मिली है. आयोग ऐसे मतदाताओं की संख्या नहीं बता रहा है सिर्फ यही कहा रहा ऐसे नाम बड़ी संख्या में हैं, लाखों में हैं.