Uttar Pradesh Subordinate Services Selection Commission: विधानसभा-विधान परिषद में तृतीय श्रेणी के पदों के लिए भर्तियां यूपीएसएसएससी करे, कोर्ट ने दिया आदेश, जानें कारण

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 27, 2023 16:47 IST2023-04-27T16:46:33+5:302023-04-27T16:47:14+5:30

Uttar Pradesh Subordinate Services Selection Commission: आदेश न्यायमूर्ति डीके सिंह की पीठ ने सुशील कुमार व अन्य की ओर से दाखिल एक याचिका को खारिज करते हुए पारित किया।

Uttar Pradesh Subordinate Services Selection Commission UPSSSC should make recruitment third class posts Vidhansabha-Legislative Council court ordered | Uttar Pradesh Subordinate Services Selection Commission: विधानसभा-विधान परिषद में तृतीय श्रेणी के पदों के लिए भर्तियां यूपीएसएसएससी करे, कोर्ट ने दिया आदेश, जानें कारण

भर्ती परीक्षा के दिन गोरखपुर केंद्र से प्रश्नपत्र भी लीक हो गया था।

Highlightsभर्ती प्रक्रिया को किसी चयन समिति अथवा निजी एजेंसी के हाथों में नहीं दिया जाएगा।भर्ती प्रक्रिया में नियमों को धता बताते हुए, भाई-भतीजावाद और पक्षपात किया गया। भर्ती परीक्षा के दिन गोरखपुर केंद्र से प्रश्नपत्र भी लीक हो गया था।

लखनऊः इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने कहा है कि भविष्य में विधानसभा और विधान परिषद में तृतीय श्रेणी के पदों के लिए भर्तियां यूपीएसएसएससी (उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग) के जरिये ही कराई जाएं। इसी के साथ अदालत ने तीन माह में भर्ती नियमों में आवश्यक संशोधन के भी आदेश दिए हैं।

यह आदेश न्यायमूर्ति डीके सिंह की पीठ ने सुशील कुमार व अन्य की ओर से दाखिल एक याचिका को खारिज करते हुए पारित किया। अपने आदेश में अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि भर्ती प्रक्रिया को किसी चयन समिति अथवा निजी एजेंसी के हाथों में नहीं दिया जाएगा।

याचिका में विधान परिषद सचिवालय में समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी और अपर निजी सचिव समेत 11 कैडर के 99 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए 17 जुलाई 2020 व 27 सितम्बर 2020 के विज्ञापनों के परिप्रेक्ष्य में की गई भर्ती प्रक्रिया को निरस्त किए जाने की मांग की गई थी।

याचियों की ओर से दलील दी गई कि भर्ती प्रक्रिया में नियमों को धता बताते हुए, भाई-भतीजावाद और पक्षपात किया गया। उन्होंने दावा किया कि भर्ती परीक्षा के दिन गोरखपुर केंद्र से प्रश्नपत्र भी लीक हो गया था। यह भी आरोप लगाया गया कि पुराने नियम के उलट भर्ती प्रक्रिया की जिम्मेदारी चयन समिति को दी गई जिसने सचिवालय के तमाम अधिकारियों के करीबी अभ्यर्थियों का चयन किया।

याचिका का विरोध करते हुए अधिवक्ता गौरव मेहरोत्रा ने दलील दी कि याचीगण असफल अभ्यर्थी हैं, और उन्होंने सम्बंधित नियम में किए गए संशोधन को चुनौती नहीं दी है, लिहाजा उन्हें पुराने नियम का लाभ नहीं दिया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि इसी प्रकरण में अदालत पहले ही एक याचिका खारिज कर चुकी है लिहाजा यह दूसरी याचिका विचारणीय नहीं है।

अदालत ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद पारित अपने आदेश में कहा कि जनता का विधानसभा और विधान परिषद की भर्ती प्रक्रियाओं में विश्वास बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि भर्ती प्रक्रिया विशिष्ट संवैधानिक भर्ती संस्था के हाथ में हो, न कि चयन समिति या निजी एजेंसी के पास।

अदालत ने भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने की मांग तो खारिज कर दी, लेकिन साथ ही यह भी निर्देश दिया है कि जो याचीगण संविदा के आधार पर काम कर रहे हैं, वे यूपीएसएसएससी द्वारा नियमित चयन किए जाने तक अपने पदों पर काम करते रहेंगे। 

Web Title: Uttar Pradesh Subordinate Services Selection Commission UPSSSC should make recruitment third class posts Vidhansabha-Legislative Council court ordered

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