यूपी के मंत्री ने कहा- मुसलमानों को मथुरा का 'सफेद भवन' हिंदुओं के हवाले कर देना चाहिए

By विशाल कुमार | Published: December 7, 2021 01:55 PM2021-12-07T13:55:30+5:302021-12-07T14:05:28+5:30

उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य राज्य मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल ने कहा कि अदालत ने अयोध्या मुद्दे का समाधान कर दिया लेकिन काशी (वाराणसी) और मथुरा में सफेद ढांचे हिंदुओं को आहत करते हैं। उनका इशारा काशी और मथुरा में बने दो मुस्लिम मजहबी ढांचों की ओर था।

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यूपी के मंत्री ने कहा- मुसलमानों को मथुरा का 'सफेद भवन' हिंदुओं के हवाले कर देना चाहिए

Highlightsउत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य राज्य मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल ने मुस्लिम समाज से आह्वान किया है।शुक्ल ने कहा कि काशी (वाराणसी) और मथुरा में सफेद ढांचे हिंदुओं को आहत करते हैं।शुक्ल ने मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव को ‘हिंदू विरोधी’ करार दिया।

बलिया (उत्तर प्रदेश):उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य राज्य मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल ने मुस्लिम समाज से आह्वान किया है कि वे खुद आगे आकर मथुरा में 'श्री कृष्ण जन्मभूमि परिसर' में स्थित सफेद भवन (मस्जिद) को हिंदुओं के हवाले कर दें।

शुक्ल ने मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि अदालत ने अयोध्या मुद्दे का समाधान कर दिया लेकिन काशी (वाराणसी) और मथुरा में सफेद ढांचे हिंदुओं को आहत करते हैं। उनका इशारा काशी और मथुरा में बने दो मुस्लिम मजहबी ढांचों की ओर था।

उन्होंने कहा ‘वह समय भी आएगा जब मथुरा में हर हिंदु को चुभने वाला सफेद ढांचा अदालत की मदद से हटा दिया जाएगा। डॉ. राम मनोहर लोहिया ने कहा था कि भारत के मुसलमानों को यह मानना होगा कि राम और कृष्ण उनके पूर्वज थे और बाबर, अकबर तथा औरंगजेब हमलावर थे। उनके द्वारा बनाई गई किसी इमारत से स्वयं को संबद्ध न करें।’

शुक्ल ने कहा ‘मुस्लिम समुदाय को आगे आना चाहिए और मथुरा के श्री कृष्ण जन्मभूमि परिसर में स्थित सफेद भवन को हिंदुओं को सौंप देना चाहिए। एक समय आयेगा, जब यह काम पूरा होगा।’

बता दें कि, दक्षिणपंथी संगठन अखिल भारतीय हिंदू महासभा द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वंस के दिन यानी 6 दिसंबर को मथुरा के शाही ईदगाह के अंदर श्रीकृष्ण की मूर्ति रखकर वहां पूजा करने की धमकी देने के बाद सोमवार को जिले में 3000 सुरक्षाबलों को तैनात किया गया था।

मथुरा में विवाद की शुरुआत पिछले महीने (दीवाली के एक दिन बाद) तब शुरू हुई, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में समारोह में भाग लेते हुए अन्य स्थानों पर 'कार सेवा' के बारे में बात की।

इसके एक महीने बाद बीते 1 दिसंबर को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया था कि अयोध्या काशी भव्य मंदिर निर्माण जारी है, मथुरा की तैयारी है।

'वसीम रिजवी ने सनातन धर्म अपनाकर घर वापसी की'

वहीं, आनन्द स्वरूप शुक्ल ने शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी के सनातन धर्म अपनाने के बारे में पूछने पर, इसे 'घर वापसी' करार देते हुए कहा कि मुसलमानों को वसीम रिजवी का अनुकरण करना चाहिए।

उन्होंने कहा ‘देश में सभी मुसलमान धर्मांतरित हैं। अगर वे अपना इतिहास देखेंगे तो पाएंगे कि 200 से 250 साल पहले वे हिंदू धर्म से इस्लाम में धर्मांतरित हुए थे। हम चाहेंगे कि उन सभी की ‘घर वापसी’ हो। भारत की मूल संस्कृति ‘हिंदुत्व’ और ‘भारतीयता’ की है जो एक दूसरे के पूरक हैं।’

शुक्ल ने समाजवादी पार्टी, उसके संस्थापक मुलायम सिंह यादव और अध्यक्ष अखिलेश यादव को ‘हिंदू विरोधी’’ करार दिया ‘‘जिन्होंने अयोध्या में निहत्थे कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश दिया था।’

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