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उत्तर प्रदेशः घूस मांगने के आरोपी आईपीएस अनिरुद्ध सिंह का तबादला!, अधिकारी पत्नी आरती सिंह को वाराणसी से हटा कर कानपुर भेजा, जानें आखिर क्या है पूरा मामला

By राजेंद्र कुमार | Updated: April 6, 2023 17:43 IST

एक माह से 2018 बैच के आईपीएस अनिरुद्ध सिंह के प्रकरण को लेकर योगी सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम पर विपक्ष सवाल खड़ा कर रहा था.

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ठळक मुद्देअनिरुद्ध सिंह का मामला योगी सरकार के लिए फजीहत का कारण बनता जा रहा था.अधिकारी ने योगी सरकार के शासनकाल में ही घूस मांगी थी.वायरल हुए वीडियो में अनिरुद्ध सिंह पर वीडियो कॉल के माध्यम से घूस मांगने हुए दिखे थे.

लखनऊः विपक्षी नेताओं के दबाव का असर हुआ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घूस मांगने के आरोपी आईपीएस अफसर अनिरुद्ध सिंह को मेरठ के एएसपी पद से हटा दिया. अब उन्हें सीबीसीआईडी में एएसपी बनाया गया है. अनिरुद्ध की आईपीएस पत्नी आरती सिंह को भी अपर पुलिस उपायुक्त कमिश्नरेट वाराणसी के पद से हटा कर अपर पुलिस उपायुक्त कमिश्नरेट कानपुर के पद पर तैनात किया गया.

 

उक्त कार्रवाई करते हुए सरकार ने यह संदेश दिया है कि वह किसी आरोपी अधिकारी को बचाने का प्रयास नहीं करती है. फिलहाल सरकार की इस कार्रवाई को सपा नेताओं ने डैमेज कंट्रोल एक्साइज बताया है. वास्तव में अनिरुद्ध सिंह का मामला योगी सरकार के लिए फजीहत का कारण बनता जा रहा था.

बीते एक माह से 2018 बैच के आईपीएस अनिरुद्ध सिंह के प्रकरण को लेकर योगी सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम पर विपक्ष सवाल खड़ा कर रहा था. पूछा जा रहा था कि 20 लाख की घूस मांगने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है. जबकि इस अधिकारी ने योगी सरकार के शासनकाल में ही घूस मांगी थी.

घूस मांगने के बाबत उक्त अफसर के बीते माह वायरल हुए वीडियो से यह साफ हो चुका है. इस वायरल हुए वीडियो में अनिरुद्ध सिंह पर वीडियो कॉल के माध्यम से घूस मांगने हुए दिखे थे. इस वीडियो की जांच कराई गई तो यह वीडियो करीब डेढ़ साल पुराना बताया गया. अनिरुद्ध सिंह ने भी यह माना है कि उक्त वीडियो डेढ़ साल पुराना है और उन्होंने एक रेप मामले में आरोपी को ट्रैप करने के लिए ये बातें कहीं थी. 

अनिरुद्ध सिंह का यह वीडियो उस समय का है, जब वह वाराणसी के चैतगंज में एएसपी के पद पर तैनात थे. इसी दौरान वाराणसी के स्कूल मालिक पर रेप का मुकदमा दर्ज हुआ था. वहीं इस मामले में आरोपी पक्ष द्वारा लगातार इन्फ्लुएंस करने का प्रयास किया जा रहा था.

अनिरुद्ध सिंह का कहना है कि उसे ट्रैप करने के लिए ही पूरी बातचीत का वीडियो बनाया गया था और ये सभी बातें उच्चाधिकारियों को बताई गई थी. लेकिन बीते माह जब यह वीडियो वायरल हुआ तो विपक्षी नेताओं ने इस मामले को लेकर योगी सरकार को घेरा. सपा और कांग्रेस के नेताओं ने अनिरुद्ध सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा.

इसी के बाद तत्कालीन डीजीपी डीएस चौहान ने मामले की जांच के आदेश दिए थे. बीते माह से चल रही इस जांच का जब कोई नतीजा सामने नहीं आया तो सपा नेताओं ने योगी सरकार पर अनिरुद्ध सिंह को बचाने का आरोप लगाया. इस आरोप के चंद घंटे बाद ही गुरुवार को प्रदेश सरकार ने अनिरुद्ध सिंह और उनकी पत्नी दोनों का ही तबादला कर दिया. 

टॅग्स :उत्तर प्रदेशयोगी आदित्यनाथBJPलखनऊ
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