Hathras Stampede Incident: हाथरस में बीते दिनों सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई है। इस बात की जानकारी बुधवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी। सीएम ने इस संबंध में प्रेस वार्ता की। सीएम ने कहा कि हमारी प्राथमिकता बचाव और ऑपरेशन पर ध्यान केंद्रित करना था। कुल 121 श्रद्धालुओं की जान गई है।
वे यूपी, हरियाणा, एमपी और राजस्थान से थे। 121 मृतकों में से 6 अन्य राज्यों से थे। उन्होंने बताया कि अस्पताल में 31 घायलों का इलाज चल रहा है और लगभग सभी खतरे से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि मैंने कई प्रत्यक्षदर्शियों से बातचीत की और उन्होंने मुझे बताया कि यह घटना कार्यक्रम समाप्त होने के बाद हुई। योगी ने कहा कि जब सत्संग के प्रचारक मंच से नीचे आ रहे थे, अचानक कई महिलाएं उन्हें छूने के लिए उनकी ओर बढ़ने लगीं और जब 'सेवादारों' ने उन्हें रोका, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई।
योगी ने कहा कि 'सेवादारों' ने प्रशासन को अंदर प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी। योगी ने कहा कि प्रारम्भिक रूप में इस मामले को दबाने का प्रयास किया लेकिन जब प्रशासन ने अस्पताल ले जाने की कारवाई शुरू की तब ज़्यादातर सेवादार भाग गए।
जांच के लिए एसआईटी गठित
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमने एडीजी आगरा के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया है। इसने एक प्रारंभिक रिपोर्ट प्रस्तुत की है। उन्हें इस मामले की गहराई से जांच करने के लिए कहा गया है। ऐसे कई कोण हैं जिनकी जांच करने की आवश्यकता है। राज्य सरकार ने न्यायिक जांच का भी फैसला किया है, जिसका नेतृत्व एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश करेंगे। प्रशासन और पुलिस के सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी भी इसका हिस्सा होंगे।
यहां जानकारी के लिए बताते चले कि घायलों से मिलने के लिए सुबह अस्पताल गए थे योगी आदित्यनाथ। हालांकि, योगी आदित्यनाथ की मुलाकात के बाद लोग सोशल मीडिया पर सरकार और प्रशासन पर सवाल भी खड़े कर रहे हैं।