Uttar Pradesh Goonda Control Act: गुंडा एक्ट के संबंध में समान दिशानिर्देश बनाने का राज्य सरकार को निर्देश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मामले को गंभीरता से लिया

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 25, 2023 01:01 PM2023-08-25T13:01:07+5:302023-08-25T13:02:22+5:30

Uttar Pradesh Goonda Control Act: न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी और न्यायमूर्ति मोहम्मद ए.एच. इदरीसी की पीठ ने अलीगढ़ के गोवर्धन नामक व्यक्ति की याचिका पर यह आदेश पारित किया।

​​​​​​​Uttar Pradesh Goonda Control Act Direction state government make uniform guidelines regarding Goonda Act Allahabad High Court took matter seriously | Uttar Pradesh Goonda Control Act: गुंडा एक्ट के संबंध में समान दिशानिर्देश बनाने का राज्य सरकार को निर्देश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मामले को गंभीरता से लिया

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Highlightsगुंडा नियंत्रण अधिनियम के तहत कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए उचित आदेश पारित करने का निर्देश दिया।व्यक्ति में अपराध करने की प्रवृति न हो, उसे आदतन अपराधी नहीं माना जा सकता।जिला प्रशासन द्वारा ऐहतियाती उपाय के तहत जिला बदर कर दिया जाना चाहिए।

प्रयागराजः उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण अधिनियम के प्रावधानों का धड़ल्ले से हो रहे उपयोग को गंभीरता से लेते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने संबंधित अधिकारियों को इस कानून का लागू करने के संबंध में समान दिशानिर्देश बनाने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी और न्यायमूर्ति मोहम्मद ए.एच. इदरीसी की पीठ ने अलीगढ़ के गोवर्धन नामक व्यक्ति की याचिका पर यह आदेश पारित किया।

अदालत ने अधिकारियों को प्रस्तावित गुंडा के खिलाफ “विशेष आरोपों की सामान्य प्रकृति”, लोगों के बीच उसकी व्यक्तिगत छवि, उसकी सामाजिक पारिवारिक पृष्ठभूमि की आवश्यक रूप से व्याख्या करने और इसके बाद ही गुंडा नियंत्रण अधिनियम के तहत कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए उचित आदेश पारित करने का निर्देश दिया।

अदालत ने कहा कि जब तक व्यक्ति में अपराध करने की प्रवृति न हो, उसे आदतन अपराधी नहीं माना जा सकता। अदालत ने कहा कि इस कानून के तहत गुंडा करार दिए जाने वाले व्यक्ति को जिला प्रशासन द्वारा ऐहतियाती उपाय के तहत जिला बदर कर दिया जाना चाहिए।

अदालत ने कहा कि वह व्यक्ति स्वयं या गिरोह के सरगना के तौर पर इस कानून की धारा 2(बी) में उल्लिखित अपराध करने का आदी हो या उसमें बार बार अपराध करने की प्रवृत्ति हो। अदालत का कहना था कि एक व्यक्ति पर एक अकेला मामला बनता हो तो उसे आदतन गुंडा नहीं करार दिया जा सकता।

इस मामले में अलीगढ़ के अपर जिला मजिस्ट्रेट द्वारा 15 जून, 2023 को याचिकाकर्ता को उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण अधिनियम, 1970 के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया गया जिसे याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी । 

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