उत्तर प्रदेश चुनाव : ‘मिसाइल मैन’ कलाम को राजनीतिक मंचों पर आदर्श के तौर पर पेश कर रही है सपा
By भाषा | Updated: December 5, 2021 17:58 IST2021-12-05T17:58:08+5:302021-12-05T17:58:08+5:30

उत्तर प्रदेश चुनाव : ‘मिसाइल मैन’ कलाम को राजनीतिक मंचों पर आदर्श के तौर पर पेश कर रही है सपा
(अरुणव सिन्हा)
लखनऊ, पांच दिसंबर उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ एकमात्र विपक्षी पार्टी के तौर पर खुद को स्थापित करने की कोशिशों में जुटी समाजवादी पार्टी (सपा) अब पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को राजनीतिक मंचों पर अपने आदर्श के तौर पर प्रदर्शित कर रही है।
'मिसाइल मैन' के तौर पर मशहूर हुए पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की तस्वीर समाजवादी पार्टी द्वारा निकाली गई ‘समाजवादी विजय यात्रा’ के दौरान सरदार वल्लभ भाई पटेल और समाजवादी विचारधारा के नेताओं आचार्य नरेंद्र देव और राम मनोहर लोहिया की तस्वीरों के साथ लगाई गई। वाहन पर बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की भी तस्वीर है।
कलाम की तस्वीर को चुनाव प्रचार के दौरान इस्तेमाल किया जाना कोई सामान्य बात नहीं है। हालांकि, समाजवादी पार्टी नेताओं ने उनके चित्र को चुनाव प्रचार के दौरान इस्तेमाल किए जाने के औचित्य के पीछे की दलील देते हुए कहा कि कलाम समाजवादी पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव के काफी करीब थे और 2002 में यादव ने ही राष्ट्रपति पद के लिए सबसे पहले उनके नाम का प्रस्ताव रखा था।
हालांकि, सपा ने पार्टी के लोकप्रिय मुसलमान नेता आजम खां की कमी की भरपाई करने के लिहाज से कलाम के नाम/तस्वीर के इस्तेमाल से साफ इंकार किया। खां, फरवरी 2020 से सीतापुर जेल में बंद हैं और उनके खिलाफ दर्जनों मामले दर्ज हैं।
समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि उनका दल सभी महान विभूतियों का सम्मान करता है और समाजवादी यात्रा में देश और समाज को नई दिशा देने वाली ज्यादातर हस्तियों की तस्वीरें शामिल करने का प्रयास किया गया है।
चौधरी ने कहा, ‘‘नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने ही 2002 में राष्ट्रपति पद के लिए कलाम के नाम की सिफारिश की थी।’’
उन्होंने ‘मुसलमान चेहरा’ खो देने की बात से इंकार किया। उन्होंने कहा, ‘‘कलाम की तस्वीर के इस्तेमाल का जाति संप्रदाय से कोई संबंध नहीं है और यह पूरी तरह से राष्ट्रवादी दृष्टिकोण से किया जा रहा है। आजम जी का पार्टी में आज भी वही सम्मान है, जो पहले था।’’
सपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष और मुंबई के मानखुर्द शिवाजी नगर से विधायक अबू आसिम आजमी ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि एपीजे अब्दुल कलाम एक महान वैज्ञानिक थे और उन्हें ‘जनता के राष्ट्रपति’ के तौर पर जाना जाता है। जनता में जो सम्मान उन्हें मिला, किसी अन्य राष्ट्रपति को कभी नहीं मिला।
उन्होंने कहा, ‘‘लोग उनका बहुत सम्मान करते हैं। उनका जन्मदिन मनाते हैं। उनकी उपलब्धियों के बावजूद वह पूरा जीवन बेहद विनम्र/सरल व्यक्ति रहे। यही कारण है कि वह हम सभी को प्रेरित कर रहे हैं।’’
आजमी ने कहा कि अन्य महान विभूतियों के साथ कलाम की तस्वीर लगाने का विचार पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव का था।
उन्होंने कलाम की तस्वीर का इस्तेमाल मुसलमानों को रिझाने के लिए किए जाने की बात से भी इंकार किया। आजमी ने कहा, ‘‘नहीं कलाम साहब की तस्वीर का धर्म से कोई लेना देना नहीं है। वह तो अक्सर कहा करते थे कि वह सुबह उठकर वेदों का पाठ करते हैं।
सपा की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने भी ऐसे ही विचार जाहिर करते हुए कहा कि राष्ट्र के निर्माण में कलाम के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता और इसीलिए सपा की यात्राओं में कलाम की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है।
लेकिन भाजपा ने इसे लेकर सपा पर चुटकी ली है। पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ और हज मंत्री मोहसिन रजा ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि उन्हें (अखिलेश) सदबुद्धि आ गई है और (मुहम्मद अली) जिन्ना के स्थान पर पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की तस्वीर अन्य नेताओं के साथ उनके रथ पर नजर आ रही है।
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