उत्तर प्रदेशः हाथरस, बलरामपुर के बाद भदोही में दलित किशोरी का शव खेत में मिला, चेहरे और अन्य अंगों पर चाकू से हमला
By भाषा | Published: October 1, 2020 06:54 PM2020-10-01T18:54:17+5:302020-10-01T18:56:18+5:30
पुलिस अधीक्षक राम बदन सिंह ने बताया की चौदह साल की एक दलित किशोरी दोपहर में शौच को गई थी। उन्होंने बताया कि काफी देर तक नहीं लौटने पर उसका भाई उसे खोजता हुआ पहुंचा तो उसका शव एक खेत में मिला।
लखनऊः उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में बृहस्पतिवार को एक दलित किशोरी का शव एक खेत में मिला। किशोरी के चेहरे और उसके अन्य अंगों पर चाकू से हमला करने के निशान मिले हैं। यह जानकारी पुलिस ने दी।
पुलिस के मुताबिक घटना जिले के गोपीगंज थाना इलाके के तिवारी पुर गाँव में दोपहर बाद हुई। पुलिस अधीक्षक राम बदन सिंह ने बताया की चौदह साल की एक दलित किशोरी दोपहर में शौच को गई थी। उन्होंने बताया कि काफी देर तक नहीं लौटने पर उसका भाई उसे खोजता हुआ पहुंचा तो उसका शव एक खेत में मिला।
उन्होंने बताया की शव को कब्ज़े में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है। पुलिस अधीक्षक ने बताया उसके साथ दुष्कर्म हुआ है या नहीं यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगा। फिलहाल मौके पर जिले के आला अधिकारी के साथ भारी पुलिस बल तैनात है। पुलिस अधीक्षक के मुताबिक अपराधियों की खोजबीन की जा रही है।
बलरामपुर में भी हाथरस जैसी वारदात : पीड़िता की हुई मौत
हाथरस में सामूहिक बलात्कार की घटना को लेकर देशभर के लोगों में व्याप्त गुस्से के बीच अब बलरामपुर जिले में 22 वर्षीय दलित युवती की कथित रूप से बलात्कार के बाद स्थिति बिगड़ने से मौत हो जाने का मामले सामने आया है। बलरामपुर के गैसड़ी इलाके की रहने वाली दलित युवती की मां का आरोप है कि बलात्कारियों ने उनकी बेटी के पैर और कमर तोड़ दी। हालांकि पुलिस ने इसे गलत बताया है। परिजनों ने सरकार से 25 लाख रुपये मुआवजे और नौकरी की मांग की है।
मृत युवती की मां ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी बेटी पढ़-लिखकर वकील बनना चाहती थी लेकिन दरिंदो ने उसे मार डाला। उन्होंने सरकार से कम से कम 25 लाख रुपये मुआवजा और उनके बेटे को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग की है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि उनकी बेटी मंगलवार को एक कॉलेज में दाखिले के लिए घर से निकली थी। रास्ते में तीन-चार लोगों ने उसे अगवा कर लिया और एक कमरे में ले गए। युवती की मां ने कहा कि आरोपियों ने उनकी बेटी को कोई टीका लगाया और इसके बाद उसका कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया।
उसके बाद आरोपियों ने उनकी बेटी को रिक्शे पर बैठा दिया। युवती की मां के मुताबिक, आरोपियों ने युवती की कमर की हड्डी और दोनों पैर तोड़ दिए। वह खड़ी नहीं हो पा रही थी और ना ही बोल पा रही थी। बलरामपुर के पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने बृहस्पतिवार को बताया कि युवती एक निजी कंपनी में काम करती थी और मंगलवार को गंभीर हालत में वह घर लौटी थी। उसके हाथ में 'वीगो' लगी हुई थी, जिसका इस्तेमाल शरीर में टीका लगाने या अन्य द्रव पदार्थ डालने के लिए किया जाता है।
युवती को अस्पताल ले जाने की कोशिश की, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई
वर्मा ने बताया कि परिवार के लोगों ने युवती को अस्पताल ले जाने की कोशिश की, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया है। उन्होंने बताया कि परिजन की तहरीर पर पुलिस ने शाहिद और साहिल नामक आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि परिजनों ने आरोप लगाया है कि लड़की के दोनों पैर और कमर टूटी थी लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसकी पुष्टि नहीं हुई है, लिहाजा ‘‘परिजनों का यह दावा गलत’’ है।
उन्होंने बताया कि लड़की के शव का बुधवार देर रात परिजनों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया। इस बीच, बलरामपुर जिला पुलिस द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में कहा गया कि आज सुबह बलरामपुर के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने देवीपाटन मंदिर में तुलसीपुर के महंत मिथिलेश नाथ योगी के साथ पीड़ित परिवार के घर जाकर उन्हें सांत्वना दी और पुलिस द्वारा इस मामले में की गई त्वरित कार्रवाई और अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बारे में बताया।
अधिकारियों ने परिजनों को विश्वास दिलाया कि मामले की जल्द से जल्द जांच कर अभियुक्तों को सजा दिलाई जाएगी। परिजनों को महंत के हाथों 6,18,750 रुपए की धनराशि का अनुमति पत्र दिया गया। गौरतलब है कि हाथरस जिले में पिछले दिनों एक युवती से कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया गया था। इस दौरान गला दबाए जाने से उसकी जीभ कट गई थी। उसे पहले अलीगढ़ के अस्पताल और उसके बाद दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया था, जहां मंगलवार तड़के उसकी मौत हो गई थी। इस मामले के चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है।