जल संरक्षण के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने आदेश दिया है कि जल की बर्बादी रोकने के लिए परिसर में पहले केवल आधा गिलास पानी ही दिया जाएगा।
प्रमुख सचिव (विधानसभा) प्रदीप दुबे ने गुरुवार को जारी आदेश में कहा कि अध्यक्ष के निर्देश पर विधानसभा परिसर में केवल आधा गिलास पानी ही उपलब्ध कराया जाएगा। दुबे ने कहा कि ऐसा देखा गया है कि अधिकांशतया पूरे भरे गिलास का पानी इस्तेमाल नहीं होता है।
अगर कोई और पानी चाहता है तो उसे और पानी दिया जा सकता है। आदेश में कहा गया है कि सचिवालय और परिसर के सभी अनुभागों में लोगों को पहले केवल आधा गिलास पानी ही दिया जाएगा। अधिकारियों और स्टाफ से अपेक्षा है कि इस आदेश का तत्काल प्रभाव से पालन किया जाए।
कई बार बर्बाद होता है पानीविधानसभा अध्यक्ष ने कहा कई बार ये देखा जाता है कि पूरे भरे हुए गिलास के जल का उपयोग नहीं किया जाता है। इसलिए जल संरक्षण के लिए हमें इस उपयोग को करना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि विधानसभा परिसर और सचिवालय के सभी अनुभागों में प्रारंभ में आधा गिलास जल ही प्रस्तुत किया जाए।
जल संरक्षण के लिए मांग सहयोग उन्होंने कहा कि विधानसभा के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वह इस व्यवस्था का तत्काल प्रभाव से अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।
2030 तक और विकराल होगी स्थितिआपको बता दें कि नीति आयोग पहले ही कह चुका है कि भारत भतिहास के सबसे भयावह जल संकट से जूझ रहा है। 60 करोड़ लोगों को हर रोज पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। करीब 2 लाख लोग हर साल साफ पेयजल न मिलने से मर रहे हैं। देश के 75 फीसदी मकानों में पानी की सप्लाई नहीं है और अगर हालात ऐसे ही रहे तो साल 2030 तक पानी की किल्लत और भी विकराल हो जाएगी।