लखनऊः उत्तर प्रदेश में महिलाओं और बच्चों की तस्करी रोकने के लिये हर जिले में 'एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाना' बनाया जाएगा। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने सोमवार को बताया कि प्रदेश के हर जिले में अब मानव तस्करी के मामलों में कार्रवाई के लिये थाना स्थापित किया जाएगा।
इस सिलसिले में पिछले 20 अक्टूबर को शासनादेश भी जारी किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 40 नयी मानव तस्करी रोधी इकाइयों का गठन किया जायेगा, जो जिलों में थाने के रूप में काम करेंगी। प्रदेश में पहले कुल 35 जिलों में मानव तस्करी रोधी इकाई के थाने थे। यह थाने 2011 और 2016 में स्थापित हुए थे।
सरकार इन थानों को कई अहम अधिकार सौंपने जा रही है
प्रवक्ता ने बताया कि सरकार इन थानों को कई अहम अधिकार सौंपने जा रही है। ये थाने मानव तस्करी के मामलों में सीधे मुकदमा दर्ज करके खुद जांच भी करेंगे। सम्बन्धित पूरा जिला इनका कार्य क्षेत्र होगा। उन्होंने बताया कि एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थानों में मानव तस्करी से जुड़े अपराधों के मुकदमे दर्ज कर उनकी विवेचना और आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अभी तक एंटी ट्रैफिकिंग यूनिट किसी भी कार्रवाई के लिये कैंट थाने में ही मुकदमा दर्ज कराती था। उसके बाद थाने की पुलिस ही मामले की जांच करती थी। प्रवक्ता ने बताया कि नए थाने केंद्र सरकार के महिला सुरक्षा प्रभाग के निर्देश पर स्थापित किये जा रहे हैं।
केंद्र सरकार ने इसके लिए धन भी आवंटित कर दिया है। केंद्र सरकार ने पहले से स्थापित 35 थानों को 12 लाख रुपये की दर से 4 करोड़ 20 लाख रुपए और 40 नए थानों के लिए 15 लाख रुपए की दर से छह करोड़ रुपए उत्तर प्रदेश सरकार को दिए हैं।
उत्तर प्रदेश के गांवों में अनाज भंडारण के लिए बनेंगे 5000 गोदाम
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार किसानों को फसल सुरक्षित रखने और उसकी अच्छी कीमत दिलाने के लिये गांवों में 5000 भण्डारण गोदाम बनाएगी। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने सोमवार को बताया कि किसानों की सुविधा के लिए सरकार गांवों में 5000 भंडारण गोदाम बनाने जा रही है।
प्रदेश के किसानों को अब अपनी फसल बेचने के लिए इधर—उधर भटकना नहीं पड़ेगा। किसान अपनी उपज को अपनी सुविधा के मुताबिक बेचकर बेहतर कीमत ले सकेंगे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की योजना लगभग हर गांव में एक भंडारण गोदाम बनाने की है, हालांकि पहले चरण में करीब हर 10 गांव पर एक गोदाम बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। करीब 2500 करोड़ रुपये की लागत से बनने जा रहे 5000 गोदामों से प्रदेश की भंडारण क्षमता में 8.60 लाख मीट्रिक टन की बढ़ोतरी होगी।
किसानों को फसल बचाने की कठिन चुनौती का सामना करना पड़ता
प्रवक्ता ने बताया कि भंडारण की व्यवस्था न होने से किसानों को फसल बचाने की कठिन चुनौती का सामना करना पड़ता है। ज्यादातर किसानों को उपज खराब होने के डर से मजबूरी में काफी कम कीमत में अपनी फसल बेचनी पड़ती है। भंडारण की सुविधा बढ़ जाने के बाद किसान अपनी उपज को सुरक्षित रख सकेंगे और बेहतर कीमत मिलने पर बाजार में बेच सकेंगे।
सहकारिता विभाग के अपर मुख्य सचिव एम.वी.एस. रामीरेड्डी के मुताबिक इन सभी गोदामों की कुल भंडारण क्षमता करीब 8.60 लाख मीट्रिक टन होगी। ये गोदाम ग्राम पंचायतों और विकास खण्ड स्तर पर बनाए जाएंगे। प्रस्ताव तैयार कर जल्द ही केंद्र सरकार को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।
उन्होंने बताया कि इन गोदामों में किसानों से खरीदे जाने वाले अनाज के साथ ही किसान भी अपना अनाज रख सकेंगे। किसानों को अपना उत्पाद घर के पास रखने की सुविधा मिलेगी। ये भंडारण गोदाम सिर्फ किसानों की आय ही नहीं बढ़ाएंगे बल्कि ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार का भंडार भी खोलेंगे।