UPSC में अब होगा 'आधार' से वैरिफिकेशन, जालसाजी को रोकने के लिए केंद्र का बड़ा कदम

By आकाश चौरसिया | Updated: August 29, 2024 11:12 IST2024-08-29T10:44:04+5:302024-08-29T11:12:07+5:30

केंद्र सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को पंजीकरण के समय, परीक्षाओं और भर्ती के विभिन्न चरणों के दौरान स्वैच्छिक आधार पर उम्मीदवारों की पहचान सत्यापित करने के लिए आधार से प्रमाणीकरण की अनुमति दी है।

UPSC will verification through Aadhaar big step by Centre to prevent fraud | UPSC में अब होगा 'आधार' से वैरिफिकेशन, जालसाजी को रोकने के लिए केंद्र का बड़ा कदम

फाइल फोटो

Highlightsअब यूपीएससी फॉर्म भरने में होगा अभ्यर्थियों का आधार से वैरिफिकेशन केंद्र सरकार ने लिया अहम फैसला पूजा खेडकर मामला प्रकाश में आने के बाद सरकार की बड़ी पहल

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को अनुमति देते हुए कह दिया कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) उस नियम में संशोधन करें, जिसमें अलग-अलग चरणों में आधार वेरिफिकेशन कराना हो। इससे होगा ये कि पूजा खेडकर जैसे धोकेबाज कैंडिडेट्स को किसी भी हालत में आगे की प्रक्रिया में जुड़ने से रोका जाए। हालांकि, ये ऑप्शन पूरी तरह से स्वेच्छिक होगा। इसका सीधा सा संदेश है कि नियम में थोड़ा लचीलापन आए और किसी भी तरह की भविष्य में कोई गड़बड़ी भी सामने ना आए।

यह नया उपाय रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के दौरान और भर्ती के विभिन्न चरणों में लागू होगा। यह निर्णय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा कल जारी अधिसूचना में औपचारिक रूप से लिए गए इस निर्णय का उद्देश्य परीक्षा प्रक्रिया की सत्यनिष्ठा को बढ़ाना है। यूपीएससी अब अपने 'वन टाइम रजिस्ट्रेशन' पोर्टल पर तथा पूरी भर्ती प्रक्रिया के दौरान पहचान वैरिफिकेशन के लिए आधार की हां/नहीं या ई-केवाईसी प्रमाणीकरण सुविधाओं का उपयोग कर सकेगा।

केंद्र सरकार ने बुधवार को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को पंजीकरण के समय, परीक्षाओं और भर्ती के विभिन्न चरणों के दौरान स्वैच्छिक आधार पर उम्मीदवारों की पहचान सत्यापित करने के लिए आधार से प्रमाणीकरण की अनुमति दी है। UPSC की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में सरकार ने ढील, अब स्वेच्छा से अभ्यार्थी आधार वैरिफिकेशन करा सकेंगे।  

मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर कहा कि आधार एक्ट, 2016, आधार वेरिफिकेशन फॉर गुड गर्वनेंस नियम, 2020 के तहत इस नियम को धरातल पर लागू किया है। यूपीएससी को आधार प्रणाली का प्रबंधन करने वाले भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा जारी अधिनियम, नियमों और निर्देशों के सभी प्रासंगिक प्रावधानों का पालन करना आवश्यक है।

गौरतलब है कि यूपीएससी के द्वारा बड़ा बदलाव प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर मामले के बाद किया है, इस बीच उनका कैंडिडेट को कैंसिल कर दिया क्योंकि उन्होंने यूपीएससी को गलत जानकारी देकर ये अहम स्थान पाया था। खेडकर, उस मामले में भी आरोपी बनी, जिसमें उन्होंने यूपीएससी को अति पिछड़ा वर्ग के नॉन क्रिमी लेयर वाले गलत कोटा का इस्तेमाल कर यूपीएससी में अच्छी रैंक प्राप्त कर ली थी। इसके बाद जो हुआ वो आपको मालूम ही है, कैसे उन्होंने और परिजन उन्हें मिली पॉवर का गलत इस्तेमाल कर मौजूदा डीएम और पूरी व्यवस्था को हिलाकर रख दिया था। 

सालाना इन एग्जाम को कंडक्ट कराता है UPSC 
यूपीएससी, हर साल 14 प्रमुख परीक्षाएं आयोजित करता है, जिसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस), और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पदों के लिए प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा के साथ-साथ समूह के लिए विभिन्न भर्ती परीक्षाएं भी शामिल हैं। ए' और ग्रुप 'बी' पद, अपनी प्रक्रियाओं की अखंडता को बनाए रखने के लिए उन्नत तकनीकों की खोज कर रहा है।

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