उपहार अग्निकांड: सबूतों से छेड़छाड़ मामले में सुशील और गोपाल अंसल को सात साल कैद की सजा

By भाषा | Updated: November 8, 2021 20:12 IST2021-11-08T20:12:59+5:302021-11-08T20:12:59+5:30

Uphaar fire: Sushil and Gopal Ansal sentenced to seven years in jail for tampering with evidence | उपहार अग्निकांड: सबूतों से छेड़छाड़ मामले में सुशील और गोपाल अंसल को सात साल कैद की सजा

उपहार अग्निकांड: सबूतों से छेड़छाड़ मामले में सुशील और गोपाल अंसल को सात साल कैद की सजा

नयी दिल्ली, आठ नवंबर दिल्ली की एक अदालत ने 1997 में उपहार सिनेमा हॉल में आग लगने के मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने को लेकर रियल एस्टेट व्यवसायी सुशील और गोपाल अंसल को सोमवार को सात साल जेल की सजा सुनाई। इस अग्निकांड में 59 लोगों की मौत हो गई थी।

मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने अंसल बंधुओं में से प्रत्येक पर 2.25 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया।

अदालत ने अदालत के पूर्व कर्मचारी दिनेश चंद शर्मा और दो अन्य लोगों पी पी बत्रा और अनूप सिंह को भी सात-सात साल की जेल की सजा सुनाई और प्रत्येक पर तीन-तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘रात दर रात सोचने के बाद, मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि वे सजा के पात्र हैं।’’

उन्होंने कहा कि जिन परिस्थितियों के दौरान अपराध किया गया था, वे कानून और न्यायिक प्रक्रिया और पीड़ितों के प्रति दोषियों के गहरे अनादर को दर्शाते हैं।

अदालत ने कहा, ‘‘न्यायपालिका की नींव लोगों के विश्वास पर टिकी है और ऐसी किसी भी कार्रवाई की अनुमति नहीं दी जा सकती है, जिसका उद्देश्य इस नींव को ठेस पहुंचाना है और इससे अत्यधिक सख्ती से निपटने की आवश्यकता है।’’

दोषियों पर जुर्माना लगाते हुए, अदालत ने कहा कि डीएसएलएसए (दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण) ने पीड़ित प्रभाव रिपोर्ट (वीआईआर) में कहा था कि पीड़ितों को ‘‘काफी नुकसान’’ हुआ था।

दोषियों द्वारा जमा किए गए आय प्रमाणों का विश्लेषण करने के बाद जुर्माना लगाया गया।

अदालत ने माना कि पीड़ितों को मुआवजा प्रदान करने के लिए अंसल बंधुओं को वित्तीय क्षमता के मामले में दूसरों की तुलना में बेहतर स्थिति में रखा गया।

दोषियों की दया याचिका को खारिज करते हुए, अदालत ने कहा कि गलत सहानुभूति या अनुचित उदारता संस्थागत अखंडता पर संदेह करने के लिए एक गलत संकेत देगी और इसकी साख को प्रभावित करेगी।

अदालत ने कहा कि अपर्याप्त सजा न्याय प्रणाली को अधिक नुकसान पहुंचाएगी और कानून की प्रभावशीलता में जनता के विश्वास को कमजोर करेगी क्योंकि समाज न्याय प्रणाली पर इस तरह के हमलों को लंबे समय तक सहन नहीं कर सकता है।

अदालत ने कहा कि बहुत कम सजा पीड़ितों और आम जनता की पीड़ा पर आंखें बंद करने के समान होगी।

आदेश सुनाए जाने के बाद जमानत पर छूटे दोषियों को हिरासत में ले लिया गया।

मामला अग्निकांड के मुख्य मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ से संबंधित है, जिसमें अंसल बंधुओं को दोषी ठहराया गया था और उच्चतम न्यायालय द्वारा दो साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।

शीर्ष अदालत ने हालांकि उन्हें जेल में बिताये समय को ध्यान में रखते हुए इस शर्त पर रिहा कर दिया था कि वे राष्ट्रीय राजधानी में एक ट्रॉमा सेंटर के निर्माण के लिए 30-30 करोड़ रुपये देंगे।

गौरतलब है कि 13 जून, 1997 को हिंदी फिल्म 'बॉर्डर' की स्क्रीनिंग के दौरान उपहार सिनेमा में आग लग गई थी, जिसमें 59 लोगों की जान चली गई थी।

बीस जुलाई, 2002 को पहली बार छेड़छाड़ का पता चला और दिनेश चंद शर्मा के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई। 25 जून 2004 को उन्हें निलंबित कर दिया गया और सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।

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Web Title: Uphaar fire: Sushil and Gopal Ansal sentenced to seven years in jail for tampering with evidence

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