विपक्षी पार्टियों की बैठक पर उपेन्द्र कुशवाहा ने कसा तंज, कहा- "पीएम मोदी का कोई विकल्प नहीं है"
By एस पी सिन्हा | Published: July 17, 2023 03:23 PM2023-07-17T15:23:56+5:302023-07-17T15:25:20+5:30
उपेन्द्र कुशवाहा ने ये स्पष्ट तौर पर कहा कि साल 2024 चुनाव तक पीएम मोदी का कोई विकल्प नहीं है क्योंकि उनके मुकाबले दूसरा कोई खड़ा नहीं हो सकता है।
पटना: लोकसभा चुनाव से पहले एक ओर जहां विपक्षी पार्टियां भाजपा को उखाड फेंकने को लेकर एकजूट होने का कोशिश कर रही हैं, तो वहीं दूसरी ओर एनडीए भी अपनी ताकत दिखाने में जुटा हुआ है।
इसी कड़ी में एनडीए की तरफ से 18 जुलाई को एक बड़ी बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में शामिल होने को लेकर अब रालोजद प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को भी निमंत्रण दे दिया गया है।
नई दिल्ली में मंगलवार को एनडीए की होने वाली बैठक को लेकर उपेन्द्र कुशवाहा ने ट्वीट कर जानकारी दी है और कहा है कि कुछ लोग अनावश्यक भ्रम न फैलाएं। कल एनडीए की बैठक में मैं शामिल रहूंगा। निमंत्रण कल ही मिल चुका है।
इसके पहले उपेन्द्र कुशवाहा ने मीडिया से मुखातिब होते हुए पूरे मामले पर संशय बरकरार रखा था। उन्होंने कहा था कि हर चीज की जानकारी मीडिया को दी जाए, ये जरूरी नहीं है। मैं क्या करने वाला हूं, इसका खुलासा वक्त से पहले मीडिया के जरिए किया जाए, ये जरूरी तो नहीं है।
इसके बाद कुशवाहा ने कहा कि लोकसभा चुनाव में अब बहुत कम दिन बचा है। ऐसे में सभी लोग अपनी रणनीति बनाने को सोच रहे हैं। हम लोग भी अपनी रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं और आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारी करने में जुटे हुए हैं। अब इसी कड़ी में भाजपा भी दिल्ली में बैठक कर रही है, इस बैठक में शामिल होने को लेकर मुझे फोन पर निमंत्रण दिया गया है।
उपेन्द्र कुशवाहा ने ये स्पष्ट तौर पर कहा कि साल 2024 चुनाव तक पीएम मोदी का कोई विकल्प नहीं है क्योंकि उनके मुकाबले दूसरा पहलवान थोड़ा भी मुकाबला में दिखे तो कोई उम्मीद कर सकता है कि लड़ाई हो सकती है। लेकिन इतना अधिक का अंतर है कि कहीं कोई लड़ाई की स्थिति बन ही नहीं सकती है।
लिहाजा पीएम मोदी के समक्ष आगामी लोकसभा चुनाव में कोई चुनौती नहीं है। विपक्षी एकता की बैठक पर भी करारा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी एकता सिर्फ बैठक तक ही सीमित है। बैठक खत्म होने के बाद सभी एक दूसरे के खिलाफ बोलते नजर आते हैं।
उनके पास जनता के पास रखने के लिए कोई एजेंडा नहीं है। सिर्फ एक ही लक्ष्य है कि मोदी को सत्ता से हटाना है। सिर्फ सत्ता के लिए वह साथ आने का दावा करते हैं।