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यूपी वन महोत्सवः जन्म लेने वाले बच्चों को ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट के साथ एक पौधा देने का फैसला?, बीते 8 साल में 205 करोड़ पौधे, अगले 6 वर्षों में लगाए जाएंगे 210 करोड़ पौधे

By राजेंद्र कुमार | Updated: June 27, 2025 18:37 IST

UP Van Mahotsav: मुलायम सिंह यादव, मायावती और अखिलेश यादव की सरकारों में दो से पांच करोड़ पौधे प्रदेश में मानसून के दौरान लगाए जाते थे.

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ठळक मुद्देUP Van Mahotsav: यूपी में हरियाली का दायरा बढ़ाने के लिए योगी सरकार की पहल.UP Van Mahotsav: हर साल 35 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य तय, बाते वर्षों में लगे 205 करोड़.UP Van Mahotsav: मानसून सत्र में प्रदेश में 35 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे.

लखनऊः उत्तर प्रदेश में हरियाली का दायरा बढ़ाने के लिए बीते आठ वर्षों में योगी सरकार 205 करोड़ पौधे लगवा चुकी है. इनमें से कितने पौध बचे यह तो पता, लेकिन राज्य में हरियाली का एरिया डेढ़ गुना बढ़ाने के लिए अगले छह वर्षों में योगी सरकार ने 210 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया है. प्रदेश का हरित आवरण वर्ष 2030 तक 15 प्रतिशत करने के लक्ष्य को रखते योगी सरकार ने यह फैसला किया है. इसके साथ ही सरकार ने एक से सात जुलाई तक होने वाले वन महोत्सव के दौरान जन्म लेने वाले बच्चों को ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट के साथ एक पौधा देने का फैसला किया है. यह पौधे यूपी के सभी जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी व अन्य सरकारी अस्पताल में जन्मे बच्चों के परिजन को दिए जाएगा.

स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए वन विभाग इस योजना को लागू करेगा. इस योजना के जरिये सरकार का उद्देश्य नवजात के जीवन को खुशहाल बनाने के साथ प्रदेश में हरियाली बढ़ाने, परिवार को पौधे लगाने व संरक्षित करने के लिए प्रेरित करना है. इस मानसून सत्र में प्रदेश में 35 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे.

इन योजनाओं के तहत होगा पौधारोपण

उत्तर प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष सुनील चौधरी के अनुसार, भारतीय वन सर्वेक्षण 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक अभी यूपी का हरित आवरण 9.96 प्रतिशत है. इस हरित आवरण को बढ़ाने के लिए हर वर्ष 35-35 करोड़ पौधे मानसून सत्र में लगाने का फैसला सरकार ने किया है. इसके तहत यह तय हुआ है कि वर्ष 2030 तक राज्य में 210 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे.

ताकि यूपी के हरित कवर को 15 प्रतिशत बढ़ाकर जा सके. इस क्रम में इस मानसून सीजन में प्रदेश में 35 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे और सर्वाधिक पौधरोपण का लक्ष्य लखनऊ मंडल को दिया गया है. राज्य के हर जिले में पौधारोपण कर हरियाली के कवर को बढ़ाने के लिए इस बार त्रिवेणी वन की स्थापना और संरक्षण पर सरकार का जोर दिया जा रहा है.

इसके साथ ही हर जिले में महापुरुषों के नाम पर भी वन वाटिका लगाई जाएगी. सबसे ज्यादा पौधे शीशम व सागौन प्रजाति के लगाए जाएंगे. नवजात बच्चों के जन्म पर पौधा लगाने और उन्हे संरक्षित करने की सोच के तहत इस मानसून सत्र में एक जुलाई से सात जुलाई तक जन्म लेने वाले बच्चे के परिवार को भी एक पौधा देने की पहल शुरू की जा रही है.

सुनील चौधरी के अनुसार, नवजात को उपहार स्वरूप पौधा देना बच्चे के जीवन में समृद्धि व विकास का परिचायक है. इसी के अनुरूप पहली से सात जुलाई (वन महोत्सव) की अवधि में जन्मे नवजात शिशुओं को ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट के साथ एक पौधा भेंट के रूप में दिया जाएगा.

इस योजना के जरिए वनाधिकारी द्वारा जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) , प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) तथा अन्य सरकारी अस्पतालों में जाकर जो सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा, उसे ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट नाम दिया गया है.

भेंट स्वरूप सागौन, शीशम समेत इमारती प्रजाति के पौधा दिया जाएगा और अभिभावकों को खाली स्थानों पर पेड़ लगाने के संबंध में जानकारी भी दी जाएगी. इसके साथ ही हर जिले में परिवार के प्रियजन के नाम से स्मृति वन में भी पौधे लगाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाएगा.

बनाई जाएंगी बड़ी-बड़ी पौधशालाएं

सुनील चौधरी बताते हैं कि प्रदेश में वर्षों से हर सरकार मानसून के दौरान पौधारोपण करती रही है. मुलायम सिंह यादव, मायावती और अखिलेश यादव की सरकारों में दो से पांच करोड़ पौधे प्रदेश में मानसून के दौरान लगाए जाते थे. वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2009 से वर्ष 2016 तक प्रदेश में रही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी की सरकारों में 51.48 करोड़ पौधे लगे थे.

जबकि वर्ष 2017 से 2024 तक योगी सरकार में 205 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं. बड़ी संख्या में राज्य में कराए गए इस पौधारोपण के चलते ही हरित आवरण की वृद्धि के मामले में उत्तर प्रदेश पूरे देश में दूसरे स्थान पर रहा है. वर्ष 2017 से 2021 के बीच यूपी के हरित आवरण में 2 लाख एकड़ की वृद्धि हुई है. इसी प्रकार वर्ष 2021 से 2023 के बीच वनावरण एवं वृक्षावरण में 1.38 लाख एकड़ की वृद्धि हुई है.

यानी 2017 से 2023 तक हरित आवरण में कुल 3.38 लाख एकड़ हरियाली बढ़ी है.  राज्य के हरित आवरण में हुए इजाफे का खुलासा भारतीय वन सर्वेक्षण की 2023 की रिपोर्ट से हुआ है. इस रिपोर्ट से उत्साहित होकर योगी सरकार ने अब वर्ष 2030 तक प्रदेश के हरित आवरण को 15 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है.

इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए हर साल राज्य में 35 करोड़ पौधे लगाने और इतनी बड़ी संख्या में पौधों की तैयार करने के लिए बड़ी-बड़ी पौधशालाएं बनाने की योजना तैयारी की गई. सुनील चौधरी का कहना है कि  पौधारोपण के लिए हर वर्ष 50 करोड़ से अधिक पौधों की आवश्यकता होगी.

इस अनुमान के तहत अब बड़ी बड़ी पौधाशाला हर जिले में बनाई जाएगी. अब वन विभाग की 1901 पौधशालाएं हैं. उद्यान विभाग की 146 और रेशम विभाग की 55 पौधशालाएं हैं. इनकी संख्या में इजाफा करने के साथ ही निजी क्षेत्र को भी इस मामले में बढ़वा दिया जाएगा, ताकि राज्य में पौधारोपण के लिए पौधों की कमी ना हो.

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