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बिजली कनेक्शन नहीं पर आ रहे हैं 60 हजार रुपये के बिल, यूपी के 12 गांव के लोग परेशान, जानें पूरा मामला

By विनीत कुमार | Updated: November 22, 2022 15:15 IST

उत्तर प्रदेश के शामली में कुछ गांव से जुड़े हैरान करने वाले मामले सामने आए हैं। यहां लोगों के घरों में बिजली का कनेक्शन नहीं है पर हजारों रुपये के बिजली बिल आ रहे हैं।

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ठळक मुद्देउत्तर प्रदेश के शामली जिले के झिनझाना क्षेत्र का मामला, कई गांव में लोगों को मिल रहे हजारों रुपये के बिल।करीब 12 गांव ऐसे हैं, जहां बिजली का कनेक्शन नहीं है पर मीटर कुछ साल पहले लगा दिए गए।अब इन्हीं गांव में लोगों को 30 से 60 हजार रुपये तक के बिजली बिल मिल रहे हैं।

शामली: उत्तर प्रदेश के शामली जिले के झिनझाना क्षेत्र में करीब 12 गांव में ऐसा मामला सामने आया है, जिसने यहां के लोगों को परेशान कर दिया है। दरअसल, इन गांव में लोगों के पास 30 से 60 हजार रुपये तक के बिजली बिल आ रहे हैं जबकि हैरान करने वाली बात ये है कि इन लोगों के पास बिजली का कनेक्शन ही नहीं पहुंचा है। ऐसे में गांव के गरीब लोग परेशान हैं और उन्हें समझ नहीं आ रहा कि इस मसले का समाधान कैसे निकाले और किसके पास जाएं।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार बिजली विभाग के अधिकारियों द्वारा उन्हें मुफ्त में बिजली कनेक्शन और बिजली मीटर देने का आश्वासन देने के बाद कुछ साल पहले इनके घरों में बिजली के मीटर लगाए गए थे। कुछ घरों में तो मीटर लगाए 10 साल से अधिक का समय हो गया। वादा बिजली पहुंचाने का किया गया लेकिन ये कभी नहीं आई। अब बिजली के बेतुके बिल ने उन्हें परेशान कर दिया है।

शामली के 12 गांव में लोगों को मिले 60 हजार रुपये तक के बिल

शामली के दूर-दराज के जिन गांव में ऐसी समस्या सामने आई है, उनमें खोकसा, अलाउद्दीनपुर, दुधली, डेरा भागीरथ, नया गाँव आदि प्रमुख हैं। यहां मुख्य रूप से बावरिया जनजाति के लोग रहते हैं।

एक के बाद एक सरकारें पिछड़े बावरिया समाज को 'मुख्यधारा' में लाने का प्रयास करती रही हैं। मसलन, खोकसा गांव में न तो बिजली की लाइन है और न ही इसके आसपास ही ये मौजूद है लेकिन हर घर में मीटर लगा दिए गए हैं। खोकसा में लगभग 250 लोग रहते हैं और अधिकांश के सामने ये समस्या आई है।

गांव की सरोज देवी ने कहा कि बेतुके बिल की समस्या आसपास के गांव में भी आई है। उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते बिजली विभाग के कर्मचारी पहुंचे और 50 से 60 हजार का बिल थमा गए।

खोकसा गांव के पूर्व प्रधान भगत राम ने कहा, 'दूसरे गांव के लोग भी इससे परेशान हैं।' अलाउद्दीनपुर गांव की सुंदरवती देवी ने कहा कि उनके परिवार को 40,000 रुपये का बिजली बिल दिया गया है। उन्होंने कहा, 'मीटर 2012 में लगाया गया था। लेकिन हम पूरे समय बिजली के बिना रहे। हमें अब इसका भुगतान क्यों करना चाहिए?'

जब टीओआई ने उप-विभागीय अधिकारी (एसडीओ) रवि कुमार से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि लोगों के पास बिजली का कनेक्शन नहीं होने के बावजूद बिजली बिल पहुंच रहे हैं। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, शामली के अधीक्षण अभियंता राम कुमार ने बताया, 'हम मामले की जांच करेंगे और ग्रामीणों की चिंताओं को दूर किया जाएगा।'

टॅग्स :उत्तर प्रदेश समाचारशामली
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