हिन्दुओं से धार्मिक अनुशासन सीखें मुसलमान?, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा- सड़कें नमाज के लिए नहीं, यातायात के लिए, देखें वीडियो
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 1, 2025 14:48 IST2025-04-01T14:45:33+5:302025-04-01T14:48:10+5:30
UP Roads Traffic Namaz: जो हो-हल्ला कर रहे हैं, मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या कोई ऐसा कल्याणकारी काम है जो वक्फ बोर्ड के माध्यम से किया गया हो? सारे समाज की बात तो छोड़िए, क्या वक्फ संपत्तियों का इस्तेमाल मुसलमानों के कल्याण के लिए किया गया है?

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नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़कों पर नमाज अदा करने के खिलाफ मुसलमानों को प्रशासन द्वारा दी गई चेतावनी का बचाव करते हुए कहा है कि सड़कें यातायात के लिए होती हैं। आदित्यनाथ ने मुसलमानों से यह भी कहा कि वे हिन्दुओं से धार्मिक अनुशासन सीखें, जो विशाल महाकुंभ मेले में शामिल हुए लेकिन इस दौरान अपराध, तोड़-फोड़ या उत्पीड़न की कोई घटना नहीं हुई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने वक्फ (संशोधन) विधेयक के आलोचकों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड स्वार्थी हितों के साथ-साथ ‘‘लूट खसोट’’ के अड्डा बन गए हैं।
STORY | Roads for traffic not namaz; others should learn discipline from Hindus: Adityanath
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STORY | Politics not my full-time job, I'm a Yogi at heart: Adityanath on future prime ministership
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इन्होंने मुसलमानों के कल्याण के लिए बहुत कम काम किया है। योगी आदित्यनाथ ने हिंदू मंदिरों और मठों द्वारा शिक्षा एवं स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में किए गए दान का उदाहरण देते हुए सवाल किया कि क्या कई गुना अधिक संपत्ति होने के बावजूद किसी वक्फ बोर्ड ने इस तरह का कल्याणकारी कार्य किया है? उन्होंने कहा, ‘‘ देखिए, हर अच्छे कार्य का विरोध होता है।
VIDEO | Under the leadership of Yogi Adityanath (@myogiadityanath), Uttar Pradesh has witnessed an unprecedented transformation over the past eight years. Since becoming Chief Minister in 2017, Yogi Adityanath has implemented significant reforms in law and order, infrastructure,… pic.twitter.com/fHGl1Wjfji
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वैसे ही वक्फ संशोधन विधेयक पर भी हो-हल्ला हो रहा है। ये जो हो-हल्ला कर रहे हैं, मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या कोई ऐसा कल्याणकारी काम है जो वक्फ बोर्ड के माध्यम से किया गया हो? सारे समाज की बात तो छोड़िए, क्या वक्फ संपत्तियों का इस्तेमाल मुसलमानों के कल्याण के लिए किया गया है?’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ये व्यक्तिगत स्वार्थ के अड्डे बने हुए हैं।
VIDEO | On UP CM Yogi Adityanath justifying ban on Namaz on roads, JD(U) leader Anjum Ara (@anjumarapatna) says, "Namaz issue is not the real subject, our civilisation is hundreds of thousands years old, the beauty of this country which is recognised in the world is the unity in… pic.twitter.com/Ttmmmvrjjp
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चंद लोगों की लूट- खसोट के अड्डे बने हुए हैं। यह (वक्फ) किसी भी सरकारी संपत्ति पर जबरन कब्जा करने का माध्यम बना हुआ है और सुधार इस समय की मांग है तथा हर सुधार का विरोध होता है। देश, काल और परिस्थिति के अनुसार हमें उसके लिए तैयार होना चाहिए और मुझे लगता है कि इसका लाभ मुस्लिम समाज को भी होगा।’’
योगी एवं नेता आदित्यनाथ हिंदुत्व को लेकर अपने कट्टर विचारों और अपराधियों के खिलाफ सख्त प्रशासक की छवि के कारण भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक बनकर उभरे हैं। उन्होंने मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव को लेकर आलोचनाओं को खारिज किया। उन्होंने कहा कि राज्य की आबादी में मुसलमानों की संख्या 20 प्रतिशत है लेकिन सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों में उनकी हिस्सेदारी 35 से 40 प्रतिशत है। आदित्यनाथ ने कहा कि वह न तो भेदभाव में विश्वास करते हैं और न ही तुष्टीकरण में।
उन्होंने कहा, ‘‘हम तुष्टीकरण से अपने आपको हमेशा अलग रखते हैं और उस हर जरूरतमंद को, जो भारत का नागरिक है, शासन की हर सुविधा का लाभ मिलना चाहिए।’’ त्वरित न्याय के तौर पर उनके ‘‘बुलडोजर मॉडल’’ को अब अन्य राज्यों द्वारा भी अपनाया जा रहा है, हालांकि इसकी वैधता पर लगातार सवाल उठते रहे हैं।
आदित्यनाथ ने इस मामले में कहा कि वह इस मॉडल को उपलब्धि नहीं बल्कि आवश्यकता मानते हैं। उन्होंने कहा कि बुलडोजर का उपयोग बुनियादी ढांचे का निर्माण करने और अतिक्रमण हटाने के लिए भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हमने उसका बेहतर तरीके से इस्तेमाल करना सिखाया है।’’
उन्होंने दावा किया कि ‘बुलडोजर कार्रवाई’ के खिलाफ उच्चतम न्यायालय की कोई भी प्रतिकूल टिप्पणी उनके राज्य से संबंधित नहीं है। उन्होंने कहा कि वास्तव में शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश द्वारा अपनाए गए दिशा-निर्देशों की सराहना की है। मेरठ में सड़कों पर नमाज अदा करने के खिलाफ उनके प्रशासन द्वारा दी गई चेतावनी पर उठे विवाद के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने सरकार के कदम का दृढ़ता से बचाव करते हुए कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘सड़क चलने के लिए होती है और जो लोग (इस फैसले के खिलाफ) बोल रहे हैं उन्हें हिंदुओं से अनुशासन सीखना चाहिए। कुल 66 करोड़ लोग प्रयागराज में आए। कहीं कोई लूटपाट नहीं, कहीं कोई आगजनी नहीं, कहीं कोई छेड़खानी नहीं, कहीं कोई तोड़फोड़ नहीं, कहीं कोई अपहरण नहीं, यह होता है अनुशासन... यह है धार्मिक अनुशासन... अगर आपको सुविधा चाहिए तो उस अनुशासन को भी मानना सीखिए।’’